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Bagbera Water Crisis : जून के मध्य तक बागबेड़ा जलापूर्ति योजना पूरी नहीं हुई तो आंदोलन

बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने लगाया पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पर लापरवाही का आरोप

by Mujtaba Haider Rizvi
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जमशेदपुर : बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना अगर इस साल जून के मध्य तक पूरी नहीं हो पाई तो बागबेड़ा महानगर विकास समिति आंदोलन करेगी। इस बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी। हर साल विभाग के अधिकारी वादा करते हैं और काम पूरा नहीं कर पाते। इस बार भी उन्होंने वादा किया है कि बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना हर हाल में जून के मध्य तक पूरी हो जाएगी। दूसरी तरफ, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि हर हाल में जून के मध्य तक काम पूरा हो जाएगा। इस संबंध में कार्यकारी संस्था को साफ कह दिया गया है।

फिल्टर प्लांट में काम ठप

बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के गिदि झोपड़ी स्थित फिल्टर प्लांट का हाल बेहाल है। शनिवार को बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सह जिला भाजपा मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा ने अपनी टीम के साथ जब मौके का निरीक्षण किया, तो वहां का हाल देख सभी हैरान रह गए। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि फिल्टर प्लांट में न तो कोई काम चल रहा है और न ही मजदूर मौजूद थे। प्लांट के मुख्य गेट पर ताला जड़ा हुआ था। पानी टंकी का निर्माण अधूरा पड़ा है और जो टंकियां बनी हैं, उनमें दरारें तक पड़ चुकी हैं। यही नहीं, बिजली के उपकरणों के लिए मंगवाए गए ट्रांसफार्मर खुले में पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं और अन्य जरूरी उपकरण भी यूं ही बाहर पड़े हुए हैं।

अधर में लटका है काम

प्लांट के आसपास झाड़-झंखाड़ और जंगल उग आए हैं। प्लांट से सटे कमरे भी जर्जर हालत में हैं। सुबोध झा ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की कि बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को अविलंब धरातल पर उतारा जाए, ताकि 2 लाख 25 हजार ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मिल सके। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 237 करोड़ 21 लाख रुपए की भारी-भरकम राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन 2018 तक योजना पूरी नहीं हुई। समिति के आंदोलन के बाद झारखंड हाईकोर्ट और जल जीवन मिशन के माध्यम से 50 करोड़ 58 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि मंजूर की गई, लेकिन इसके बावजूद काम अधर में लटका है।

पाइप लाइन का काम भी अधूरा

फिलहाल 21 पंचायतों के 113 गांवों और रेलवे क्षेत्र की 33 बस्तियों के लिए बिछाई जाने वाली 80 किलोमीटर पाइपलाइन का काम अब तक अधूरा है। रेलवे ट्रैक के नीचे से पाइपलाइन, बड़ौदा घाट के पाया पर पाइपलाइन बिछाने का काम, राइजिंग पाइपलाइन, इंटक वेल से प्लांट तक पाइपलाइन, पानी टंकियों का निर्माण आदि सब कुछ अधूरा है। सुबोध झा ने कहा कि बागबेड़ा के रामनगर, गांधीनगर, पश्तो नगर, बजरंग टेकरी, हर हर गुड्डू, घाघीडीह, किताडीह समेत कई बस्तियों में अभी भी पाइपलाइन बिछाने का कार्य अधूरा पड़ा है। घर-घर पानी कनेक्शन भी अधर में लटका हुआ है। उन्होंने विभाग से मांग की कि जल्द से जल्द अधूरे कामों को पूरा किया जाए ताकि बागबेड़ा के 2 लाख 25 हजार लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सके।


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