चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड में अवैध बालू खनन और परिवहन का धंधा बेखौफ जारी है। खास बात यह है कि स्थानीय प्रशासन और खनन विभाग की आंखों के सामने यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ चुप्पी नजर आई है। शनिवार को गोइलकेरा-मनोहरपुर एनएच 320 डी मार्ग के गुलरुवां घाटी में एक अवैध बालू लदे ट्रैक्टर ट्रॉली के सड़क पर फंसने से आवागमन घंटों बाधित रहा।
बताया गया कि उक्त ट्रैक्टर ट्रॉली कोयल नदी से अवैध रूप से बालू लादकर आ रही थी। ब्रेक डाउन के कारण यह घाटी में ही फंस गई, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। इससे पहले भी इसी मार्ग पर एक ट्रैक्टर इसी तरह फंस गया था। चालक वाहन छोड़कर भाग गया था और बालू बीच सड़क पर ही अनलोड कर दिया गया था।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी से बालू खनन और परिवहन पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। इसके बावजूद गोइलकेरा क्षेत्र में कोयल नदी से रोजाना ट्रैक्टर और हाइवा की मदद से बालू का अवैध खनन और ढुलाई की जा रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सुबह से लेकर देर रात तक बालू लदे वाहन इस रास्ते से गुजरते हैं, जिससे न केवल सड़क खराब हो रही है, बल्कि आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। दुर्घटना की आशंका लगातार बनी रहती है। गुलरुवां घाटी की सड़क एक लेन की है। एक ओर पहाड़ी तो दूसरी ओर गहरी खाई होने के कारण किसी वाहन के फंसने पर दोनों ओर लंबा जाम लग जाता है।
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध धंधे पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही एनएच 320 डी की सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि आम लोगों को परेशानी से निजात मिल सके।
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