New Delhi : भारत और यूनाइटेड किंगडम ने गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को एक अभूतपूर्व व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर कर एक नया इतिहास रच दिया। यह ऐतिहासिक समझौता, जिसे मुक्त व्यापार समझौता यानी एफटीए (Free Trade Agreement) के नाम से जाना जाएगा, लंदन में एक भव्य समारोह में संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर स्वयं उपस्थित रहे और दोनों नेताओं की मौजूदगी में इस महत्वपूर्ण डील पर हस्ताक्षर किए गए।
यह एफटीए दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा, जिससे न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि आम जनता को भी कई तरह के प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होंगे, जिसमें रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें कम होना और रोजगार के नए अवसरों का सृजन शामिल है।
क्या है एफटीए और यह क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ऐसा समझौता होता है, जिसके तहत सदस्य देश आपस में व्यापार करने के दौरान आयात और निर्यात पर लगने वाले करों (टैरिफ) को या तो पूरी तरह से समाप्त कर देते हैं या उनमें काफी कमी कर देते हैं। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना, वस्तुओं की कीमतों को कम करना और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना होता है।
भारत और ब्रिटेन के बीच इस एफटीए से दोनों देशों के व्यापारियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे और उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी कीमतों का लाभ मिलेगा।
किसे मिलेगा इस समझौते का सबसे ज्यादा फायदा?
इस ऐतिहासिक एफटीए के तहत भारत से ब्रिटेन को निर्यात किए जाने वाले कई प्रमुख उत्पादों पर अब टैक्स में भारी छूट मिलेगी। इन उत्पादों में चमड़ा और चमड़े से बने सामान, जूते, ऑटोमोबाइल के पार्ट्स, समुद्री खाद्य उत्पाद (जैसे सीफूड), विभिन्न प्रकार के कपड़े, और खिलौने शामिल हैं। अब भारतीय व्यापारी इन सभी उत्पादों को ब्रिटेन के बाजार में पहले की तुलना में काफी कम कीमत पर बेच सकेंगे, जिससे उनकी बिक्री में निश्चित रूप से वृद्धि होगी और भारत में उत्पादन और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
विशेष रूप से, इस समझौते से भारत के छोटे और मध्यम आकार के व्यापारियों (SMEs) को एक बड़ा फायदा होगा, जो अब तक विकसित देशों के बाजारों में उच्च टैरिफ के कारण प्रतिस्पर्धा करने में मुश्किल महसूस कर रहे थे। अब वे किफायती कीमतों पर अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेच सकेंगे।
भारतीयों के लिए भी खुशखबरी: अब विदेशी सामान होगा और भी सस्ता
सिर्फ निर्यात ही नहीं, इस एफटीए का लाभ भारत में आयात होने वाले ब्रिटिश सामानों पर भी देखने को मिलेगा। ब्रिटेन से भारत में आने वाले कई लोकप्रिय उत्पाद अब सस्ते हो जाएंगे। इनमें व्हिस्की, विभिन्न प्रकार की चॉकलेट, बिस्किट, सालमन मछली, सौंदर्य और कॉस्मेटिक उत्पाद, जीवन रक्षक दवाइयां और अन्य मेडिकल उत्पाद, और यहां तक कि लग्जरी कारें भी शामिल हैं। इन सभी उत्पादों के दाम कम होने से भारतीय उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी जेब पर पड़ने वाला बोझ कुछ हद तक कम होगा।
व्यापार में आएगा उछाल: अरबों डॉलर का होगा फायदा
सरकार का अनुमान है कि इस मुक्त व्यापार समझौते के लागू होने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच वार्षिक व्यापार में लगभग 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यापार साल 2030 तक बढ़कर 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एक नए शिखर पर पहुंच सकता है, जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ा बूस्ट साबित होगा।
भारत के 99% निर्यात को मिलेगी टैक्स से मुक्ति
भारत के लिए इस एफटीए का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हमारे लगभग 99 प्रतिशत निर्यात को ब्रिटेन में प्रवेश करने पर टैरिफ में छूट मिलेगी। इसका मतलब है कि भारतीय कंपनियों को अब अपने उत्पादों को ब्रिटिश बाजार में आसानी से बेचने का मौका मिलेगा, जिससे देश के निर्यात को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा और विदेशी मुद्रा की आमद में भी वृद्धि होगी।
अभी थोड़ा इंतजार: समझौते को लागू होने में लगेगा समय
हालांकि यह ऐतिहासिक समझौता दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित हो चुका है, लेकिन इसे पूरी तरह से लागू होने में अभी कुछ समय लगेगा। अब इस समझौते को ब्रिटेन की संसद से मंजूरी मिलना बाकी है, जिसमें लगभग एक साल तक का समय लग सकता है। वहीं, भारत की तरफ से मंजूरी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है, लेकिन ब्रिटेन में संसदीय प्रक्रिया अपेक्षाकृत लंबी होती है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की राय: आम आदमी को होगा सीधा फायदा
समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा समझौता है जो ब्रिटेन के कामकाजी लोगों की जेब में ज्यादा पैसा डालेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे लोगों के वेतन में बढ़ोतरी होगी, उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा और देश में नौकरियों की संख्या बढ़ेगी। प्रधानमंत्री स्टारमर ने इस समझौते को व्यापार और आम नागरिकों – दोनों के लिए फायदे का सौदा बताया।
आम जनता को इस समझौते से क्या मिलेगा? एक नजर में
भारत में अब ब्रिटेन से आने वाली कई विदेशी चीजें सस्ती मिलेंगी।
भारतीय उत्पाद अब विदेशों में ज्यादा मात्रा में बिक सकेंगे, जिससे भारतीय उद्योगों को लाभ होगा।
देश में नए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा, खासकर निर्यात से जुड़े क्षेत्रों में।
छोटे और मध्यम आकार के व्यापारियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बनाने और प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।
इस समझौते से भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय रिश्ते और भी मजबूत होंगे।
अब सबकी निगाहें कार्यान्वयन प्रक्रिया पर
इस ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद अब सबकी नजरें इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं। जैसे ही ब्रिटिश संसद से मंजूरी मिलती है, भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक और आर्थिक रिश्ते एक नए युग में प्रवेश करेंगे, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होंगे।
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