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भारतीय सेना टैक्टिकल मिलिट्री एयरलिफ्ट प्लेन C-295 से हुई लैस, जानें इसकी खूबियां

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क: भारतीय सेना अपनी ताकत और सुरक्षा क्षमता में सुधार करने के लिए नई टेक्नोलॉजी के हथियारों और माध्यमों का उपयोग कर रही है। इसका एक महत्वपूर्ण कदम C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयरलिफ्ट प्लेन की आयात के माध्यम से उठाया गया है। यह विमान स्पेन से लाने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन गए हुए हैं। यह विमान क्यों आर्मी के लिए फायदेमंद है। इससे हमारी वायुसेना की ताकत कितनी बढ़ जाएगी। जानिए इस विमान के बारे में सबकुछ।

भारतीय सेना के लिए महाबलशाली एयरक्राफ्ट

स्पेन से आयात किया जाने वाला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयरलिफ्ट प्लेन भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण और महाबलशाली एयरक्राफ्ट है। इसका आगमन भारत की सुरक्षा क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा, खासकर सीमा क्षेत्रों में अपने सैनिकों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा प्रदान करने में। इस प्लेन की खासियतों में स्पीड, टेक्नोलॉजी, और युद्ध क्षेत्र में प्रभावी उपयोग शामिल हैं। इससे भारतीय सेना को उसकी अम्बरीय और थल सीमाओं में ताकत और विश्वास का संवर्धन मिलेगा।

खरीदे जाएंगे 56 विमान

भारतीय सेना ने 56 C-295 एयरलिफ्ट विमानों की खरीदी की घोषणा की है। इनमें अधिकांश भारत में ही निर्मित होंगे। ये विमान सैनिकों के साथ लंबी दूरी की पूरी तरह से क्षमता रखते हैं और भारतीय सेना के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं।

इन विमानों का टेकऑफ टाइम अन्य कार्गो विमानों की तुलना में कम है, जिससे सैनिकों की आवाजाही के लिए यह सबसे उपयुक्त है। 2 साल पहले, भारतीय सेना ने टाटा एयरबस प्रोजेक्ट के तहत 21,935 करोड़ रुपए की बड़ी डील कियी थी, जिसमें इन 56 विमानों की खरीदी शामिल है।

एलिट देशों की सूची में शामिल होगा भारत

टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत तैयार हो रहे C-295 सैन्य परिवहन विमान ने भारत को एक नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। जब ये विमान बेड़े में शामिल होंगे, तो भारत वो एलिट देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिनके पास इस प्रकार की क्षमता है। इसमें देश जैसे अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, चीन, और स्‍पेन शामिल हैं।

C-295 विमान न केवल सैन्य ऑपरेशन्स के लिए बल्कि राहत कार्यों के लिए भी अत्यंत प्रभावी साबित हो रहे हैं। इन्हें एक हैवी लिफ्ट विमान की तरह नहीं, बल्कि एक लाइट लिफ्ट के लिए बड़े उपयोगी माना जाता है। इससे भारत के सुरक्षा और राहत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है।

भारत के पास 200 से ज्यादा सैनिक कैपेसिटी वाले एयरक्राफ्ट भी

C-295 जैसे विमान विभिन्न स्थितियों में अत्यधिक प्रयोगी हो सकते हैं। वे बेसिक इंटरनल सिचुएशन से लेकर बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी स्थितियों में एक्शन के लिए सवालजनक हैं। इसके साथ ही, C-295 की कैपेसिटी जंबो एयरक्राफ्ट की कैपेसिटी से कम होती है, लेकिन यह अभियांता और सामान को अपने साथ लेने के लिए आदर्श है।

भारत के पास IL-76 जंबो विमान भी हैं, जो 200 से ज्यादा सैनिकों को एक साथ मूव कर सकते हैं, और C-130J सुपर हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट भी है, जिसमें भी 200 लोगों को ले जाने की क्षमता है। इन विमानों का मिलकर भारत की विभिन्न सैन्य ऑपरेशंस की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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जानिए C-295 विमान की खासियतें

यह विमान केवल 844 मीटर लम्बे रनवे से टेक ऑफ कर सकता है और 420 मीटर रनवे पर लैंड हो सकता है। C-295 विमान लगातार 11 घंटे तक उड़ सकता है, हवा में रिफ्यूलिंग की सुविधा से इसकी फ्लाइट समय को बढ़ाया जा सकता है। इस विमान का उपयोग कई देशों में हो रहा है, जैसे कि मिस्र, कनाडा, और पोलैंड। C-295 विमान पहाड़ी क्षेत्रों में भी कारगर है और यह शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमता के साथ 71 सैनिकों या नौ टन तक पेलोड ले सकता है।

यह विमान एक इंजन के साथ 13,533 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और दो इंजन काम करें तो 30,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसके 16 विमान भारत में बनाए जाएंगे, जिन्हें टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड कंपनी बनाएगी। यह विमान अधिकतम 9,250 किलोग्राम तक का पेलोड उठा सकता है और इसके लिए चार या पांच क्रू मेम्बर्स की आवश्यकता नहीं होती है। C-295 की गति 482 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

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