स्पेशल डेस्क, नई दिल्ली : भारतीय नौसेना ने वर्दी पर लगने वाले पट्टिका की डिजाइन में परिवर्तन किया है (Indian Navy)। नए साल से नौसेना के एडमिरल नई पट्टिका के साथ दिखेंगे। नौसेना ने इस संबंध में एक्स पर तस्वीर और वीडियो साझा कर लिखा, जैसे हम नए साल 2024 में प्रवेश कर रहे हैं, भारतीय नौसेना ने गर्व से एडमिरल्स एपॉलेट्स के नए डिज़ाइन का अनावरण किया, जो प्रधानमंत्री द्वारा सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस के दौरान घोषित किया गया था। नौसेना ने लिखा, ‘नए डिजाइन में नौसेना ध्वज से लिया गया और छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित अष्टकोण हमारी समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा प्रतिबिंब है।
नए डिजाइन को अपनाना (Indian Navy) पंचप्रण के 2 स्तंभों विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। भारतीय नौसेना भारतीयता को अक्षरशः अपना रही है। पट्टिका में अब सुनहरी पट्टी और चक्र की जगह सूर्य, राष्ट्रीय चिन्ह और अन्य प्रतीक दिखेंगे। नेवी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि भारतीय नौसेना ने एडमिरल्स एपॉलेट्स का नया डिजाइन नौसेना ध्वज से लिया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से इंस्पायर है और यह हमारी समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा आईना है। नए एपॉलेट्स में मराठा शासक की राजमुद्रा को लाना गुलामी की मानसिकता छोड़ने की कोशिश है।
इसे अंग्रेजी राज की नेल्सन रिंग की जगह बदला गया है।
जानिए क्या है नए डिजाइन में (Indian Navy)
गोल्डन नेवी बटन : यह गुलामी की मानसिकता को दूर करने के संकल्प को दोहराता है।
अष्टकोणीय (ऑक्टागोनल): यह आठ दिशाओं का प्रतीक है, जो सेना की सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है।
तलवार: यह देश की शक्ति में अग्रणी बनने और प्रभुत्व के जरिए जंग जीतने, विरोधियों को हराने और हर चुनौती पर काबू पाने के नौसेना के उद्देश्य को दिखाती है।
टेलीस्कोप: यह बदलती दुनिया में दृष्टि, दूरदर्शिता और मौसम पर नजर रखने का प्रतीक है।
पीएम ने कही ब्रिटिश रैंक्स को बदलने की बात
Navy Day पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारतीय नौसेना अपने रैंकों का नाम अब भारतीय परंपराओं के अनुरूप रखेगी। उन्होंने कहा था कि हम ब्रिटिश काल के रैंक्स को बदलेंगे। उसकी जगह भारतीय नाम रखे जाएंगे। हम छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित हैं। हम उन्हीं की तरह गुलामी बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमें इस मानसिकता से बाहर आना होगा। इसलिए ऐसे नाम और प्रतीकों को खत्म करना होगा, जो गुलामी की प्रथा को जीवित रखे हैं। (Indian Navy)
प्रधानमंत्री ने शिवाजी की उद्घोषणा को दोहराते हुए कहा कि जिनका समुद्र पर नियंत्रण है, वे ही अंतिम शक्ति रखते हैं। नौसेना अधिकारियों द्वारा पहने जाने वाले एपोलेट्स में अब छत्रपति वीर शिवाजी महाराज की विरासत की झलक दिखाई देगी, क्योंकि नए एपोलेट्स नौसेना के ध्वज के समान होंगे।
नॉन कमीशन्ड रैंक्स के नाम पहले बदले जा सकते हैं
As we usher in the new year #2024, #IndianNavy proudly unveils the new Design of Admirals’ Epaulettes. Announced by @PMOIndia during #NavyDay2023 at Sindhudurg – the 🛑 in the new Design, drawn from the Naval Ensign & inspired from Rajmudra of #ChhatrapatiShivajiMaharaj, is a… pic.twitter.com/Ssxq8ZLOZd
— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 29, 2023
ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय नौसेना के जूनियर और नॉन कमीशन्ड रैंक्स के नाम पहले बदले जा सकते हैं। (Indian Navy) ये हैं मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर फर्स्ट क्लास, मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर सेकेंड क्लास, चीफ पेटी ऑफिसर, पेटी ऑफिसर, लीडिंग सीमैन, सीमैन फर्स्ट क्लास और सीमैन सेकेंड क्लास। इन रैंक्स के नाम बदलने का असर नौसेना के 65 हजार नौसैनिकों से ज्यादा पर पड़ेगा। लेकिन, अधिकारियों के नाम फिलहाल वैसे ही रहेंगे, जैसे अभी हैं।
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