नई दिल्ली : भारत द्वारा सिंधु जल समझौते के स्थगन के बाद पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। अभी पाकिस्तान में फसल की बुआई का सीजन है। ऐसे में यह जल संकट पाकिस्तान का बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। पाकिस्तान स्थित दो प्रमुख बांधों, मंगला (झेलम नदी) तरबेला बांध (सिंधु नदी) के जलस्तर में भी भारी कमी आई है। इसके अतिरिक्त चेनाब नदी के पानी में भी भारत द्वारा कटौती किए जाने से पाकिस्तान को पानी की पर्याप्त आपूर्ति से जूझना पड़ रहा है।
दूसरे देशों से मिलने वाले कर्ज पर कर रहा गुजारा
पाकिस्तान में अभी फसल की बुआई का सीजन चल रहा है। कश्मीर के पहलगाम में हुए, आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान पानी की भारी किल्लत से जूझ रहा है। खेती की बुनियादी आवश्यकताओं के लिए भी पाक को पानी की कमी हो गई है। सिंधु नदी पर स्थित तरबेला बांध और झेलम नदी पर स्थित मंगला बांध का जल भी पाक के लिए पर्याप्त नहीं पड़ रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। वह अन्य देशों से प्राप्त होने वाले कर्ज पर अपना गुजारा कर रहा है।
पाक दूसरे देशों के समक्ष रख रहा पानी का मुद्दा
मंगला और तरबेला बांध का पानी पाकिस्तान स्थित पंजाब और सिंध प्रांत में सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अब इन बांधों की भंडारण क्षमता में भी करीब 50% की कमी आ गई है। इस स्थिति को देखते हुए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने देश में हो रहे, पानी की किल्लत के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं। खरीफ फसलों के समय में पानी की कमी से जूझ रहे, किसानों में घबराहट व्याप्त है। पाकिस्तान के मंगला डैम की जल भंडारण क्षमता 5.9 मिलियन एकड़ प्रति फीट है। वर्तमान समय में इसमें 2.7 मिलियन एकड़ प्रति फीट यानी करीब 50 फीसदी जल उपलब्ध है। वहीं तरबेला डैम में 11.6 मीट्रिक एकड़ प्रति फीट की जगह 6 मीट्रिक एकड़ प्रति फीट पानी है।