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सेना के बेड़े में शामिल हुआ विध्वंसक युद्धपोत INS Imphal, जानें कितनी है इसकी ताकत

by Rakesh Pandey
INS Imphal
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नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के बेड़े में एक नया युद्धपोत ‘INS Imphal’ शामिल हो गया है। मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड पर इस नवनीतम मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत को कमीशन किया गया। INS Imphal का नाम उत्तर-पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है, जिसे जल्द अब पश्चिमी नौसेना कमान यानी अरब सागर में तैनात किया जाएगा। आईएनएस इंफाल को मंगलवार को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए, जिन्होंने नौसेना की बढ़ती ताकत पर जिक्र किया। ‘आईएनएस इंफाल’ से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री क्षमता मजबूत होगी।

INS Imphal: सतह से सतह और हवा में मार करने में सक्षम

163 मीटर लंबाई, 7,400 टन वजन और 75 प्रतिशत स्वदेशी मटीरियल से बनी INS Imphal भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली वॉरशिप में से एक है। यह समुद्र में 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है और यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सेंसर से लैस है। आईएनएस इंफाल हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से सुसज्जित है। इस युद्धपोत से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करने की ताकत रखती है।

पहला जहाज, जिसका नाम शहर पर रखा गया

INS Imphal पहला युद्धक जहाज है, जिसका नाम पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा गया है। युद्धक जहाज का नाम मणिपुर की राजधानी इंफाल के नाम पर रखा गया है। राष्ट्रपति ने अप्रैल 2019 में इसकी मंजूरी दी थी। युद्धपोत का नाम मणिपुर की राजधानी के नाम पर रखा जाना राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करता है। इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का पता लगा सकता है। इन सेंसर्स का पता लगाना दुश्मनों के लिए बहुत मुश्किल काम है।

जानिए कितना शक्तिशाली है यह युद्धपोत

आईएनएन इंफाल परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है। पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन को भी युद्धपोत में इंस्टॉल किया गया है। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध स्थितियों के तहत लड़ने के लिए सुसज्जित है। गुप्त विशेषताएं इसकी युद्ध क्षमता को बढ़ाती है।

आईएनएस इंफाल को 20 अक्टूबर को भारतीय सेना को डिलीवर किया गया था। डिलीवर होने से पहले इसे कई ट्रायलों से निकलना पड़ा था। नौसेना ने भी इसका सफल परीक्षण किया, जिसके बाद यह नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है। नौसेना के मुताबिक, भारत में अब तक बने युद्धक जहाजों में आईएनएस इंफाल सबसे बेहतर है और यह युद्धक जहाज बनाने की की भारत की क्षमताओं का परिचायक है।

हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। आईएनएस इंफाल के नौसेना में शामिल होने से भारत की युद्धक क्षमताएं बेहतर होंगी। आईएनएस इंफाल की लंबाई 535 फीट और वजन 7,400 टन है। आईएनएस इंफाल को 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ तैयार किया गया है।

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