रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के एक बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सरमा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक इरफान अंसारी को लेकर बड़ा दावा किया है। उनके अनुसार, इरफान अंसारी ने निजी बातचीत में कहा था कि वे चाहते हैं कि हेमंत सोरेन दोबारा मुख्यमंत्री न बनें। हिमंता के इस बयान ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।
हिमंता बिस्वा सरमा ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि इरफान अंसारी ने कई बार उन्हें कहा है कि अगर उन्हें खुदा से एक दुआ मांगने का मौका मिले, तो वे यही मांगेंगे कि हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री न बनें। सरमा ने कहा कि इरफान अंसारी हेमंत सोरेन के सच्चे समर्थक नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इरफान के जीवन के कठिन समय को करीब से देखा है और उस समय वे बेहद निराश और दुखी थे।
चुनावों के इस मौसम में किसकी बात में कितनी सच्चाई है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन सरमा के इस बयान ने सोरेन और उनके समर्थकों के बीच चिंता की लहर जरूर पैदा कर दी है। हिमंता ने कहा कि इस बार कोल्हान क्षेत्र में भाजपा को बेहतर परिणाम की उम्मीद है। उनके मुताबिक, झामुमो को भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की कमी के कारण भाजपा से प्रत्याशी लेने पड़ रहे हैं।
इसके अलावा, सरमा ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी 20 प्रतिशत सीटों को बेच देती है। उन्होंने कांग्रेस के नेता मीर साहब पर सीधे आरोप लगाने के बजाय कांग्रेस के सिस्टम को दोषी ठहराया और कहा कि कांग्रेस में 20 प्रतिशत सीटों की खरीद-बिक्री होती है।
बागी उम्मीदवारों को लेकर पूछे गए एक सवाल पर सरमा ने कहा कि हर कोई चुनाव लड़ने की इच्छा रखता है, इसलिए नामांकन भी कराते हैं। हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि नामांकन वापसी की तारीख तक अधिकांश बागियों को मनाया जाएगा। सरमा ने एनडीए की ओर से एकजुटता का दावा करते हुए कहा कि गठबंधन में हर सीट पर केवल एक-एक प्रत्याशी खड़ा किया जा रहा है, जबकि इंडी गठबंधन (I.N.D.I.A) में स्थिति बिल्कुल उलटी है, जहाँ एक-एक सीट पर दो-दो और तीन-तीन प्रत्याशी खड़े हो रहे हैं।
हिमंता बिस्वा सरमा के इन बयानों से झारखंड की चुनावी राजनीति और गरमा गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इरफान अंसारी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है और यह मामला चुनावों पर कितना असर डालता है।
“रिजेक्टेड माल”वाले बयान पर बुरे फंसे इरफान, राष्ट्रीय अजजा और चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान
रांची : जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल के बीच विवाद खड़ा हो गया है। जामताड़ा बीडीओ और एआरओ प्रवीण चौधरी के बयान पर कांड संख्या 208/24 के तहत जामताड़ा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस प्राथमिकी में विपक्षी पार्टी के प्रत्याशी की भावनाओं को आहत करने और उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
मामला 24 अक्टूबर का है, जब कांग्रेस के प्रत्याशी इरफान अंसारी ने नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में भाजपा पर “रिजेक्टेड माल” को चुनाव में उतारने का आरोप लगाया था। अंसारी के इस बयान के बाद बीजेपी की प्रत्याशी सीता सोरेन ने इसे निजी हमला बताते हुए अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से इस पर प्रतिक्रिया दी, जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई।
इसके साथ ही, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान में लिया है और राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक, जामताड़ा उपायुक्त, और जामताड़ा एसपी से तीन दिनों के भीतर मामले में रिपोर्ट देने की मांग की है।
हालांकि, इरफान अंसारी ने इस विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने सीता सोरेन का नाम नहीं लिया था, बल्कि सामान्य तौर पर अपनी बात रखी थी।
इस घटना ने चुनावी वातावरण को और भी तनावपूर्ण बना दिया है, और राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। सभी की नजरें अब इस बात पर हैं कि अनुसूचित जनजाति आयोग और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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