Jamshedpur Flood : जमशेदपुर के गोविंदपुर क्षेत्र स्थित टाटा कमिंस गेट के पास मुख्य सड़क पर बीते 12 घंटे से लगातार जलजमाव की स्थिति बनी हुई थी। सड़क पर पानी भरा होने की वजह से आने जाने में दिक्कत हो रही थी। इससे दर्जनों बस्तियों के लोगों को परेशानी हो रही थी। बताया जा रहा है कि कमिंस कंपनी द्वारा नाले को बंद कर दिया गया है, जिससे बारिश के पानी की निकासी बाधित हो गई है। नतीजतन, क्षेत्र में सैकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। इसके खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने जल सत्याग्रह शुरू किया तो कंपनी के अधिकारी हरकत में आए और कंपनी की दीवार तोड़ कर सड़क पर भरा पानी बाहर निकाला। तब जाकर सड़क से जल भराव खत्म हुआ।
जल भराव के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब जनप्रतिनिधि आंदोलन की राह पर उतर आए हैं। जिला परिषद सदस्य डॉ. परितोष सिंह के नेतृत्व में जल सत्याग्रह की शुरुआत कर दी गई। उनके साथ पंचायत समिति सदस्य सतवीर सिंह बग्गा, भाजपा जिला युवा मोर्चा के गोविंदपुर अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, मुखिया रणजीत सरदार, सोनक सरदार सहित अन्य प्रमुख लोग भी सत्याग्रह में शामिल रहे।
कमिंस प्रबंधन से जब स्थानीय लोगों ने बातचीत की तो उन्होंने इस समस्या से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह उनका काम नहीं है। इसी रवैये से आक्रोशित होकर जनप्रतिनिधियों ने विरोध में जल सत्याग्रह शुरू करने का फैसला लिया।
गोविंदपुर के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता प्रकाश दूबे, संतोष कुमार, राजबान सिंह, बिरसा लोहार, रामकिशन सुंडी, गोविंदा जोड़ा, बीरबल सोय, बीरू पिंगुआ, रम्य बनारा, सत्यजीत बनर्जी, संजय सिंह सहित सैकड़ों लोगों की उपस्थिति ने आंदोलन को और अधिक मजबूती दी।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की ओर से अब तक कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ है। जनता का धैर्य टूट चुका है और अब प्रशासन से जवाबदेही की मांग की जा रही है। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलता।
कपंनियां एक दूसरे पर थोप रही हैं मामला
इस जल भराव के बारे में जिला परिषद सदस्य परितोष सिंह ने टाटा कमिंस के अधिकारियों से बात की तो वह सारा आरोप टाटा मोटर्स पर मढ रहे हैं। जब, टाटा मोटर्स से बात की गई तो वह सारा दोष टाटा कमिंस पर मढ रहे हैं। इसलिए, जनप्रतिनिधियों ने यह सत्याग्रह शुरू किया। जिला परिषद सदस्य पारितोष सिंह का कहना है कि कंपनी को इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना होगा।