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Jamshedpur Patamda News : पटमदा में डायरिया के प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन गंभीर, स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद

by Anand Mishra
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जमशेदपुर : जिले के पटमदा प्रखंड स्थित सुंदरपुर गांव के काशीडीह टोला में डायरिया के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त अनन्य मित्तल ने स्वास्थ्य विभाग को वहां अविलंब समुचित इलाज और जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपनी जांच में पाया कि गांव में कुल 36 लोग डायरिया से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 13 मरीजों को पटमदा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती किया गया है, 7 मरीजों को गंगा मेमोरियल अस्पताल में, 3 गुरुनानक अस्पताल में, और 1 मरीज को बंदवान में इलाज मिल रहा है। गंभीर स्थिति में एक मरीज को एमजीएम अस्पताल में रेफर किया गया है। बाकी मरीजों का इलाज गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया जा रहा है, और उनकी हालत फिलहाल सामान्य है।

जांच टीम ने लिया चापानलों से पानी का सैंपल

सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल के अनुसार, काशीडीह टोला में डायरिया का पहला मामला 26 अक्टूबर को सामने आया, जिसके बाद धीरे-धीरे अन्य लोग भी इसकी चपेट में आए। मरीजों में पेट दर्द, उल्टी, और दस्त के लक्षण देखने को मिले। जांच टीम ने काशीडीह के तीन चापानलों से पानी के सैंपल लेकर उन्हें परीक्षण के लिए भेजा है ताकि डायरिया के फैलने के कारणों का पता लगाया जा सके। इसके साथ ही, प्रखंड प्रशासन के साथ विचार-विमर्श कर गांव में स्वच्छ पेयजल के वैकल्पिक स्रोतों को उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है। ब्लॉक मेडिकल टीम गांव के लोगों को साफ-सफाई का ध्यान रखने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक कर रही है।

गांव में स्वास्थय विभाग की टीम

स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य गांव में लगातार निगरानी कर रहे हैं और डायरिया से प्रभावित लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। इस जांच टीम में कई विशेषज्ञ शामिल हैं, जिनमें एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ. असद, डॉ. रंजीत पांडा, ब्लॉक आरटी डॉ. क्रिस्टोफर बेसरा, डॉ. सोमेन दत्ता, डॉ. प्रशांत रंजन, कार्तिक महतो, सीएचओ पुनिता सोरेन, एएनएम सुनीता कुमारी, और एमपीडब्लू प्रेम किशोर भी शामिल हैं।

सामूहिक जागरूकता उद्देश्य

इस सामूहिक प्रयास का उद्देश्य केवल डायरिया के प्रकोप पर काबू पाना नहीं है, बल्कि गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना भी है, ताकि भविष्य में इस तरह के प्रकोपों से बचा जा सके।

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