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Jharkhand Academic Counsil :क्या हटाए जाएंगे जैक बोर्ड के अध्यक्ष, झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ ने शिक्षा मंत्री को बताई उनकी कारगुजारी

by Mujtaba Haider Rizvi
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जमशेदपुर : झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ ने जैक बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार महतो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने बुधवार को शिक्षा मंत्री राम दास सोरेन से जमशेदपुर में उनके आवास पर मुलाकात कर जैक बोर्ड के अध्यक्ष के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। संघ ने मांग की है कि जैक बोर्ड के अध्यक्ष को हटाया जाए।
प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को अंग वस्त्र और पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिवादन किया। शिक्षा मंत्री ने झारखंड में वित्त रहित शिक्षा समाप्त कर, वित्त सहित शिक्षा को लागू कर दिया है। इसके लिए प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को साधुवाद दिया और उम्मीद जताई कि उनके कार्यकाल में झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में चौमुखी विकास होगा। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को जैक बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार महतो के कथित भ्रष्टाचार से भी शिक्षा मंत्री को अवगत कराया है। संघ ने इस संबंध में झारखंड के मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि जैक बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार महतो का कार्यकाल शुरू से ही विवादित रहा है।

डाटा सेंटर पर है जैक बोर्ड के अध्यक्ष का कब्जा

आरोप लगाया कि अनिल कुमार महतो पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इनके द्वारा परिषद् के गोपनीय शाखा के कर्मियों को दरकिनार कर डाटा सेंटर पर कब्जा जमा लिया है। यहां झारखण्ड अधिविद्य परिषद द्वारा आयोजित परीक्षाओं के परीक्षाफल का टंकन, मुद्रन, प्रकाशन एवं अभिलेखों को सुरक्षित रखा जाता है। डाटा सेंटर में अध्यक्ष और इनके एक राजदार कुणाल प्रताप सिंह ही सारा कामकाज देखते हैं। आरोप है कि कुणाल प्रताप सिंह को केवल एक साल के लिए आउटसोर्स किया गया था। वह अस्थायी रूप से परिषद् के कर्मियों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देने के लिए नियुक्त किए गए थे। आरोप है कि बाद में अनिल कुमार महतो ने 20 वर्षों से अधिक समय से परिषद् में कार्यरत 352 अस्थायी कर्मियों, जिनका पद सरकार द्वारा स्वीकृत भी है के स्थायीकरण पर विचार करने के बजाए केवल एक पद के लिए विज्ञापन निकाल कर गलत ढंग से कुणाल प्रताप सिंह को स्थायी कर दिया। आरोप है कि अनिल कुमार महतो ने भ्रष्टाचार करके अपने 3 वर्षों के कार्यकाल में अवैध कमाई की है। संघ का आरोप है कि इनके द्वारा वर्ष 2022 में राज्य के कुछ विद्यालयों एवं महाविद्यालयों से मोटी रकम लेकर उनके विद्यार्थीयों को सारे नियमों को ताक पर रखकर बिना वर्ग 9 और वर्ग-11 की परीक्षा के सीधे मैट्रिक एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में निर्धारित सीट से तीन गुणा अधिक संख्या में विद्यार्थीयों को परीक्षा में सम्मिलित करवा दिया गया। इसीलिए यह चाहते हैं कि इनके कार्यकाल का विस्तार हो जाए।

परीक्षा में बेतहाशा शुल्क बढोतरी से छात्र हुए परेशान

आरोप है कि जैक बोर्ड के अध्यक्ष ने 3 साल के कार्यकाल में हर वर्ष पंजीयन और परीक्षा शूल्क में बेतहाशा वृद्धि की गई है। इससे रुपयों के अभाव में राज्य के हजारों बच्चों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। विद्यार्थियों को पंजीयन एवं परीक्षा फॉर्म भरने के लिए इनके द्वारा तिथियां तब दी जाती हैं. जब छुट्टी या त्योहारों के समय विद्यालयों में छुट्टियां रहती हैं। वो भी अल्प समय दिया जाता है और सभी परीक्षाओं जैसे वर्ग-8, वर्ग-9. वर्ग-10, वर्ग-11 एवं वर्ग-12 के पंजीयन एवं परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि एक साथ दिया जाता है तथा विज्ञप्ति जिस तिथि को प्रकाशित की जाती है, उसी तिथि से काम आरंभ होने की बात कही तो जाती है परन्तु विज्ञप्ति में अंकित तिथियों को परिषद् के वेबसाईट पर उस दिन कोई लिंक उपलब्ध ही नहीं रहता है। लिंक दूसरे दिन दिया जाता है, जिससे राज्य के हजारों विद्यार्थी या तो पंजीयन करवाने से वंचित रह जाते हैं। या फिर उनके डाटा में त्रुटियों की संभावना बढ़ जाती है। बाद में इन त्रुटियों के सुधार के लिए परिषद् द्वारा संशोधन शूल्क के रूप में प्रत्येक छात्र से 2000 रूपये के बैंक ड्राफ्ट और जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नामांकन पंजी की प्रति, सुधार से संबंधित अन्य साक्ष्यों तथा संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा अग्रसारित आवेदन पत्र लेकर सुधार की प्रक्रिया शुरू की जाती है। विद्यार्थीयों द्वारा इतना कुछ करने के बावजूद उनके दोहन के लिए सैकड़ों बार परिषद् का चक्कर लगवाया जाता है। जब विद्यार्थीयों का दोहन कर लेते हैं तो जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित नामांकन पंजी की प्रति संचिका में रहने के बावजूद पुनः विद्यालयों का दोहन करने के लिए विद्यालयों से मूल नामांकन पंजी परिषद् कार्यालय में अवलोकन हेतु मंगवाया जाता है और संशोधन के लिए प्रत्येक संचिका को दोहन के बाद ही निपटाया जाता है, जिस संचिका पर दोहन नहीं हो पाता है उस संचिका को वर्षों तक जब तक दोहन न हो जाए लम्बित रखा जाता है।

प्रतिनिधिमंडल में यह थे शामिल

इस लिए संघ ने सरकार से मांग किया है कि वर्णित तथ्यों पर गंभीरता से विचार करते हुए झारखण्ड अधिविद्य परिषद् के वर्तमान अध्यक्ष श्री अनिल कुमार महतो के कार्यकाल का स्वतंत्र इकाई से प्रत्येक बिन्दुओं पर जाँच करवाया जाय, तथा प्रमाणित होने पर विधिसम्मत कठोर कानुनी कार्रवाई किया जाय एवं इन्हें तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष के पद से हटा कर किसी अन्य इमानदार शिक्षाविद् की नियुक्ति उक्त गरीमामयी पद पर किया जाय। प्रतिनिधि मंडल में संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद ताहिर हुसैन, मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव, शिव प्रकाश शर्मा, उदय शंकर पाठक एवं अन्य शामिल थे।

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