जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में राजनीति के अखाड़े में इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला बेहद तीव्र हो चुका है। इस चुनावी रणभूमि में जहां आधी आबादी के वोट पर कब्जा जमाने की रणनीति बन रही है, वहीं बांग्लादेशी घुसपैठ और आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे भी चुनावी बहस के केंद्र में हैं। हर दल इन मुद्दों के इर्द-गिर्द अपनी चुनावी लड़ाई को लेकर मैदान में उतर चुका है, और अब यह देखना है कि कौन सा गठबंधन इन मुद्दों को अपने पक्ष में कर पाता है।
महिला मतदाताओं के लिए खास योजनाएं
झारखंड विधानसभा चुनाव में महिला वोटरों को लुभाने के लिए इंडिया गठबंधन और भाजपा दोनों ने अपनी रणनीतियों को और सशक्त किया है। जहां इंडिया गठबंधन ने अपनी “मंईयां सम्मान योजना” के तहत महिला मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है, वहीं भाजपा ने अपनी “गोगो दीदी योजना” पेश की है, जो महिलाओं के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। दोनों ही दलों का लक्ष्य राज्य में महिला वोटरों का बड़ा हिस्सा हासिल करना है, क्योंकि झारखंड जैसे राज्य में महिला वोट निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
बांग्लादेशी घुसपैठ पर तीखी सियासी जंग
झारखंड विधानसभा चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा भी लगातार गरमा रहा है। भाजपा और झामुमो के बीच यह मुद्दा सियासी लड़ाई का मुख्य आधार बन चुका है। भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर इसे एनडीए के पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, झामुमो इस मुद्दे को एनडीए के खिलाफ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल करने की पूरी तैयारी में है। यह मुद्दा दोनों दलों के बीच कटुता को और बढ़ा रहा है, और चुनावी माहौल को गर्म कर रहा है।
दोनों गठबंधनों के लिए आरक्षण अहम चुनावी मुद्दा
झारखंड विधानसभा चुनाव में आरक्षण का मुद्दा भी एक महत्वपूर्ण पहलू बन चुका है। दोनों गठबंधन इंडिया गठबंधन और एनडीए ओबीसी और आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षण को लेकर अपने-अपने वादे कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन ने 27% ओबीसी आरक्षण का प्रस्ताव रखा है, जबकि एनडीए ने आदिवासी समुदाय के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का आश्वासन दिया है। साथ ही, इंडिया गठबंधन ने सरना धर्म कोड को भी अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया है, जिसे झारखंड के आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
आरक्षण पर कड़ी राजनीति
इस चुनावी माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। चाईबासा की रैली में मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आदिवासी आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा ने आरक्षण के मसले को पूरी तरह से अपने पक्ष में मोड़ने के लिए इसे चुनावी मुद्दा बनाया है, ताकि इसे जनभावनाओं से जोड़ा जा सके।
गठबंधनों के बीच जटिल समीकरण
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच सीटों को लेकर सीधी जंग हो रही है। यह चुनावी लड़ाई केवल राजनीतिक प्रतिष्ठा का सवाल नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य के लिए भी अहम है। झारखंड की राजनीति में यह चुनावी मुकाबला दोनों गठबंधनों के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इससे राज्य के राजनीतिक समीकरण तय होंगे।
संगीन मुद्दों पर होगा वोटिंग का फैसला
आखिरकार, यह चुनाव महिला वोट, आरक्षण और घुसपैठ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर आधारित है। इन मुद्दों का चुनावी परिदृश्य पर गहरा असर पड़ेगा, और झारखंड के मतदाता इन सभी मुद्दों पर अपनी राय देंगे। यह चुनाव सिर्फ नेताओं के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के विचार और राजनीतिक समझ के लिए भी एक अहम परीक्षा होगी, जो राज्य के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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