हजारीबाग : झारखंड के उत्तर छोटानागपुर प्रमंडल का जिला मुख्यालय हजारीबाग अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। यहां का मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य इसे पर्यटन के लिए आदर्श स्थल बनाता है। जिले में नए अधिसूचित स्थलों के विकास से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। जिले की उपायुक्त नैंसी सहाय के मार्गदर्शन में जिले के पर्यटन स्थलों को वैश्विक मानचित्र पर स्थान दिलाने की कोशिशें रंग ला रही हैं। हाल ही में हजारीबाग के 13 नए स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों के रूप में अधिसूचित किया गया है।
वर्ष 2019 तक हजारीबाग के केवल सात स्थल ही अधिसूचित थे। इनमें अंतरराष्ट्रीय महत्व के हजारीबाग नेशनल पार्क और सूरज कुंड बरकट्ठा शामिल थे। वहीं राष्ट्रीय महत्व के मेगालिथ साइट और राज्य स्तरीय महत्व के इस्को गुफा, कनहरी हिल, पद्मा का किला, और बुढ़वा महादेव मंदिर को स्थान मिला था।
2024 में उपायुक्त के प्रयासों से 13 नए स्थलों को पर्यटन सूची में जोड़ा गया है। इनमें कोनार डैम, नरसिंह स्थान, छडवा डैम, जगन्नाथ धाम मंदिर सिलवार, हजारीबाग झील, और माता चम्पेश्वरी मंदिर इचाक जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं।
पर्यटन स्थलों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं : उपायुक्त
जिले की उपायुक्त नैंसी सहाय ने बताया कि पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। 2025 में इन स्थलों पर कार्य शुरू होगा।
ये हैं योजनाएं
- सामुदायिक शौचालय और पार्क निर्माण
- सामुदायिक भवन और मोटर वोटिंग की सुविधा
- पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण और प्रकाश व्यवस्था
दूसरी ओर मेगालिथ साइट जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए बाउंड्री वाल और पार्क निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं छडवा डैम को स्थानीय जीवनदायिनी स्थल के रूप में विकसित करते हुए पार्क और सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाएगा।