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Jharkhand High Court Big decision : “मंईयां सम्मान योजना” पर झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला…

सिमडेगा जिले के विष्णु साहू ने इस योजना के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह योजना चुनावी स्वार्थ के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य वोटरों को लुभाना है।

by Anand Mishra
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रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच एक महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय सामने आया है। राज्य सरकार की विवादास्पद “मंईयां सम्मान योजना” पर झारखंड हाईकोर्ट ने रोक लगाने से मना कर दिया है। इस फैसले के बाद राज्यभर में सरकारी योजना को लेकर बहस तेज हो गई है।

क्या है मईया सम्मान योजना?

झारखंड सरकार ने मई 2024 में राज्य की महिलाओं के लिए मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाते हैं। योजना का उद्देश्य राज्य की महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना बताया गया।

जनहित याचिका खारिज

सिमडेगा जिले के विष्णु साहू ने इस योजना के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह योजना चुनावी स्वार्थ के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य वोटरों को लुभाना है। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल में ऐसे फैसले सरकार द्वारा चुनावी लाभ लेने के लिए किए जा रहे हैं, जो कानून और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हैं। गुरुवार को इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया और सरकार की मईया सम्मान योजना पर कोई रोक नहीं लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि इस योजना को रोकने के लिए कोई ठोस कारण प्रस्तुत नहीं किया गया है, और इसलिए याचिका को अस्वीकार कर दिया गया।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं। राज्य सरकार का तर्क था कि यह योजना महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई है, और इसमें कोई राजनीतिक या चुनावी उद्देश्य नहीं है। सरकार ने यह भी कहा कि यह योजना महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में देशभर में एक मॉडल बन सकती है।

चुनावी राजनीति पर असर

हाईकोर्ट के इस फैसले ने जहां एक ओर सरकार को राहत दी है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसे चुनावी हथकंडा करार दिया है। उनका कहना है कि यह योजना केवल चुनावों में वोटों की तिजोरी खोलने के लिए शुरू की गई है। आगामी विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा चुनावी मंच पर उभर सकता है, और विपक्ष इस फैसले को राजनीतिक फायदा उठाने के रूप में देख सकता है।

फैसले का महत्व

इस फैसले के साथ अब राज्य सरकार को मंईयां सम्मान योजना को जारी रखने की अनुमति मिल गई है, और इसके तहत महिलाओं को मिलने वाली 1000 रुपये की राशि का वितरण जारी रहेगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव परिणामों के बाद इस योजना का क्या होगा। अब इस फैसले के बाद राज्य की राजनीतिक सूरत में क्या बदलाव होंगे, यह तो भविष्य ही बतायेगा। साथ ही, अगर विपक्ष इस फैसले का इस्तेमाल अपनी चुनावी रणनीति के तौर पर करता है, तो झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में यह एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।

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