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Jharkhand Maiyan Samman Yojna : झारखंड मंईयां सम्मान योजना में बिहार के साइबर ठगों ने लगाई सेंध, किशनगंज के 40 मृतक और पुरुषों के नाम पर हड़पें लाखों

जमशेदपुर पुलिस ने बंगाल व बिहार के कई इलाकों में की छापेमारी, मगर खाली हाथ लौटी

by Mujtaba Haider Rizvi
Jamshedpur Maiyan Samman Yojna
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Jharkhand Maiyan Samman Yojna : झारखंड सरकार की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने वाली मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। जमशेदपुर पुलिस अब इस घोटाले को परत दर परत खोलने में जुट गई है। पुलिस को पता चला है कि इस योजना में बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड से 40 लोगों के नाम पर अवैध तरीके से पैसे की निकासी की गई, जिनमें कई पुरुष और मृतक व्यक्ति भी शामिल हैं। योजना में साइबर ठग फर्जी तरीके से ऑनलाइन आवेदन के जरिए फर्जी लाभुकों के नाम शामिल करने में कामयाब हो गए। इस पूरे मामले में प्रशासनिक लापरवाही भी उजागर हुई है। आवेदन स्वीकृत करने में अधिकारियों ने लापरवाही बरती है और बिना जांच पड़ताल के लिए लाभुकों की सूची तैयार कर दी गई जिससे फर्जी वाड़ा करने वालों को लाभ मिला। जबकि, हजारों योग्य महिलाएं रोज डीसी ऑफिस व अंचल कार्यालय का चक्कर काट रही हैं मगर, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जमशेदपुर पुलिस की एक टीम ने किशनगंज में छापेमारी की थी मगर, कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इस पर टीम बिहार के किशनगंज से खाली हाथ लौट आई है।

जांच के दौरान सामने आया है कि झारखंड की इस योजना में बिहार के किशन गंज के ठाकुरगंज में पौआखाली थाना क्षेत्र के बरचौंदी और खारुदह पंचायत के पुरुषों को भी लाभुक बना दिया गया है। इन लाभुकों के नाम से साइबर ठग रुपये हड़प रहे हैं। जबकि, यह योजना केवल झारखंड की महिलाओं के लिए है।

झारखंड की जमशेदपुर पुलिस की एक टी जांच के लिए जब टीम ठाकुरगंज और पौआखाली गई, तो इस गड़बड़ी का पर्दाफाश हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि जिन 40 लाभुकों के नाम पर हर महीने ₹2500 की तीन किस्तें निकाली गई हैं, उनमें से कई परिवार दिल्ली और पंजाब में काम करने गए हुए हैं और कुछ की तो वर्षों पहले मौत हो चुकी है। इस पर यह साफ है कि इन लोगों के नाम से जो रकम निकाली गई है वह दलालों ने निकाली है। अब पुलिस इन दलालों पर शिकंजा कसने में जुट गई है। सारा खेल ऑनलाइन हुआ है। जबकि, लाभुकों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनके नाम पर पैसे हड़पे जा रहे हैं।

इस पूरे मामले में तीन सीएसपी संचालक मुख्य भूमिका में हैं, जो अब पुलिस की रडार पर हैं। पुलिस के अनुसार, इन फर्जी खातों से तीन-तीन किस्तों में पैसे उठाए गए हैं और लाभुकों को इस योजना की जानकारी तक नहीं है।

बरचौंदी पंचायत के कुम्हार बस्ती निवासी मशरफ अली का नाम भी इस लिस्ट में है, जिनकी मृत्यु छह वर्ष पहले हो चुकी है, लेकिन उनके खाते से मंईयां सम्मान योजना की राशि निकाली गई है। इसी तरह 75 वर्षीय रियाजुल निशा को भी यह नहीं मालूम कि उनके खाते में पैसे कहां से और किस योजना के आए।

ठाकुरगंज थाना प्रभारी मकसूद अहमद अशरफी ने बताया कि झारखंड की जमशेदपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है और लगभग 40 लाभुकों के खातों में योजना की राशि पाई गई है। जांच के बाद ठाकुरगंज और आसपास के इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। झारखंड की जमशेदपुर पुलिस इस पूरे सिंडिकेट की तह तक जाने की कोशिश कर रही है और जल्द ही इस गड़बड़ी में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। जमशेदपुर पुलिस उत्तर दिनाजपुर भी पहुंची थी। बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले से भी 132 लोगों द्वारा इस योजना का गलत तरीके से लाभ लेने की पुष्टि हुई है। यहां भी वही खेल हुआ है जो किशनगंज में हुआ है। गालूडीह थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की तहकीकात चल रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

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