रांची : झारखंड में अफीम की अवैध खेती पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पिछले दो महीनों में 19,000 एकड़ भूमि पर की जा रही अफीम की अवैध खेती को नष्ट कर दिया गया है। इस दौरान अफीम की खेती करने वाले 190 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। इस कार्रवाई के तहत राज्य भर में 283 मामले दर्ज किए गए हैं।
विभिन्न जिलों में अफीम की अवैध खेती
झारखंड के कई जिलों में अफीम की खेती की जा रही थी, जिनमें चतरा, खूंटी, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला और हजारीबाग प्रमुख हैं। इन जिलों में अफीम की खेती न केवल स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर फैली हुई थी, बल्कि यह अवैध व्यापार के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गई थी।
वृहद पैमाने पर चलाया जा रहा अभियान
राज्य सरकार ने जनवरी से अफीम की अवैध खेती के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाना शुरू किया था। इस अभियान के तहत अफीम की खेती को पूरी तरह से नष्ट करने का लक्ष्य तय किया गया था। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अभियान के दौरान हर एक अफीम के पौधे को नष्ट किया जाए और मार्च 15 तक यह अभियान लगातार जारी रखा जाए।
अफीम के अवैध कारोबार पर कड़ी नजर
झारखंड में अफीम की खेती और उसके बाद होने वाली अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सरकार का यह अभियान न केवल राज्य के भीतर अफीम की अवैध खेती को समाप्त करने के उद्देश्य से है, बल्कि इस कदम से यह संदेश भी दिया जा रहा है कि राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है।
दूसरी ओर माना जा रहा है कि अफीम की अवैध खेती और इसके कारोबार के खिलाफ झारखंड सरकार की सख्त कार्रवाई से अवैध व्यापार में संलिप्त लोगों भय है। राज्यभर में चलाया जा रहा यह अभियान न केवल अवैध खेती को समाप्त तथा नागरिक सुरक्षा व राज्य की कानून व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।