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Jharkhand revenue reforms : जमीन की रसीद के लिए अब नहीं लगाना पड़ेगा कोर्ट व कार्यालयों का चक्कर, मोबाइल पर होगी उपलब्ध

- झारखंड के भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने गुरुवार को अपने विभागीय कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्त और विभागीय सचिव के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसमें उन्होंने राजस्व संग्रह में सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। साथ ही म्यूटेशन समेत भूमि संबंधित कार्यों को राइट टू सर्विस एक्ट के तहत लाने पर बल दिया।

by Anand Mishra
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रांची : झारखंड के भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा है कि भूमि संबंधित मामलों में लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्व संग्रहण किया जाना चाहिए। उन्होंने म्यूटेशन समेत अन्य भूमि संबंधित कार्यों को राइट टू सर्विस एक्ट के दायरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मंत्री बिरुआ ने यह निर्देश गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने विभागीय कार्यालय में सभी प्रमंडलीय आयुक्त और विभागीय सचिव के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक के दौरान दिए।

जमीन रसीद प्राप्ति की नई व्यवस्था

मंत्री ने इस बैठक में बताया कि आमतौर पर लोग अपनी जमीन की रसीद कटवाने के लिए कचहरी और विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगाते हैं, जो एक लंबी और थकाऊ प्रक्रिया होती है। अब, सरकार इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बार कोड की सुविधा लागू करेगी। इस नई व्यवस्था के तहत लोग मोबाइल के माध्यम से अपनी जमीन के कागजात की रसीद प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

बकाया वसूली और सरकारी जमीन पर कब्जे पर कड़ी निगरानी

बैठक में चाईबासा आयुक्त द्वारा जमशेदपुर जिले की कंपनियों से दो हजार करोड़ रुपये के बकाया वसूली का प्रस्ताव भी सामने आया। मंत्री ने तत्काल इस मामले पर संज्ञान लिया और वसूली प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, सरकारी जमीन के कब्जे के मामलों पर भी मंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने खासकर हरमू नदी किनारे अनावश्यक कब्जों पर चिंता व्यक्त की और इसकी समीक्षा कर आगे की कार्रवाई तय करने को कहा।

अन्य निर्देश और योजनाएं

मंत्री दीपक बिरुआ ने जमीन संबंधित अन्य कार्यों जैसे लंबित म्यूटेशन की समस्या का समाधान करने, खासमहल भूमि के रिन्यूअल की प्रक्रिया को सरल बनाने और सैरात की वसूली को सुविधाजनक बनाने की दिशा में भी सुझाव दिए। इसके साथ ही, नीलाम पत्र वादों के निष्पादन और लंबित कोर्ट मामलों की नियमित समीक्षा कर त्वरित निष्पादन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि राजस्व संग्रहण में कोई रुकावट न आये। इसे लोगों की सुविधा के अनुरूप सरल बनाया जाए, ताकि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हो सके।

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