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Jamshedpur Water Crisis : मानगो पेयजल परियोजना की जांच को मिली मंजूरी, विधायक के निरीक्षण में सामने आईं खामियां

पिछले 10 वर्षों के कार्यकलापों की होगी समीक्षा, वितरण प्रणाली में पक्षपात के आरोप

by Mujtaba Haider Rizvi
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जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र के विधायक सरयू राय की मांग पर मानगो पेयजल परियोजना के पिछले 10 वर्षों के कार्यकलापों की जांच की अनुमति पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव ने दे दी है। मंगलवार को परियोजना स्थल का निरीक्षण करने के बाद सरयू राय ने इस परियोजना के संचालन में भारी अनियमितताओं और लापरवाही का आरोप लगाया। निरीक्षण के दौरान विधायक ने पाया कि इंटकवेल की स्थिति बेहद खराब है। किनारे पर काई जमी हुई है, जलकुंभी और अन्य जलीय पौधों ने पानी के बहाव को प्रभावित कर दिया है। छह में से सिर्फ दो पंप पूरी तरह कार्यरत हैं जबकि एक आधे-अधूरे तरीके से काम कर रहा है।

इसके चलते जितना पानी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाना चाहिए, उतना नहीं पहुंच रहा। इसके अलावा यह भी चौंकाने वाली बात सामने आई कि विभाग के पास यह रिकॉर्ड ही नहीं है कि कहां कितना पानी भेजा जा रहा है। विधायक ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने पाया कि सभी स्वचालित व्यवस्थाएं बंद हैं और पूरा काम मैन्युअल तरीके से हो रहा है। क्लोरीन और फिटकरी के डोज का कोई वैज्ञानिक निर्धारण नहीं किया गया है। प्रयोगशाला में कार्यरत कर्मी ने बताया कि वह केवल वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर काम करता है और आदित्यपुर स्थित लैब ही जांच करती है।सबसे गंभीर मामला जल वितरण में पक्षपात का सामने आया।

सरयू राय के अनुसार, जोन नंबर 6 में भरपूर जलापूर्ति हो रही है जबकि जोन नंबर 1 से 5 तक पानी की सप्लाई बहुत कम है। यहां तक कि जोन नंबर 3 की टंकी महज 25 से 30 मिनट में खाली हो जाती है। इस असंतुलन की मुख्य वजह जोन नंबर 6 के लिए अलग से बिछाई गई राइजिंग पाइपलाइन है, जबकि बाकी जोनों के लिए एक ही पाइपलाइन है। इस असमानता की जांच अब समिति करेगी।

विधायक ने कहा कि विभाग के अभियंताओं के तर्क पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं और इस व्यवस्था को जब तक व्यवस्थित नहीं किया जाएगा, मानगो के सभी हिस्सों में पानी नहीं पहुंच पाएगा। उन्होंने विभाग पर अब तक की गई सभी जांचों को सतही करार देते हुए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग की, जिसे प्रधान सचिव ने स्वीकार कर लिया है।सरयू राय ने यह भी कहा कि इस परियोजना में 125 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, और इसके संचालन में इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है।

उन्होंने छह माह के आंकड़ों का विश्लेषण उनके सामने प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, ताकि यह तय हो सके कि कहीं काम में पक्षपात या भ्रष्टाचार तो नहीं हो रहा। दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की गई है।इस निरीक्षण दौरे में पिंटू सिंह, संतोष भगत, पप्पू सिंह, अमरेंद्र पासवान, आदित्य मुखर्जी, रवि गोराई, मुकेश सिंह और जीतेंद्र साहू भी मौजूद थे।

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