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झारखंड : टीजीटी-पीजीटी पद खत्म करने के विरोध में शिक्षकों ने बांधी काली पट्टी

by Neha Verma
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जमशेदपुर : झारखंड +2 शिक्षक संघ के आह्वान पर पूर्वी सिंहभूम जिले के सरकारी स्कूलों के पीजीटी शिक्षक, इंटर कॉलेजों के प्राध्यापक और अन्य शिक्षकों ने सोमवार को मूल्यांकन कार्य के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। यह विरोध सरकार द्वारा टीजीटी और पीजीटी संवर्ग को मरणशील घोषित करने के फैसले के खिलाफ किया गया। शिक्षकों ने तीनों इंटरमीडिएट मूल्यांकन केंद्रों—गुरुनानक उच्च विद्यालय साकची, साकची उच्च विद्यालय और भारत सेवाश्रम उच्च विद्यालय सोनारी में अनुशासन के साथ मूल्यांकन कार्य किया।


सरकार ने हाल ही में कैबिनेट में निर्णय लेकर टीजीटी और पीजीटी संवर्ग को समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर माध्यमिक आचार्य का नया संवर्ग बनाया गया है। यह पद कम वेतनमान वाला है। सरकार अब माध्यमिक आचार्य से ही टीजीटी और पीजीटी की भूमिका निभाने की उम्मीद कर रही है। शिक्षकों ने इसे हास्यास्पद और शिक्षा व्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताया।


शिक्षकों ने कहा कि केवल माध्यमिक आचार्य के भरोसे इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई नहीं चलाई जा सकती। देश के किसी भी बोर्ड में ऐसी व्यवस्था नहीं है। सरकार को उच्च माध्यमिक आचार्य का पद भी सृजित करना चाहिए। इससे राज्य के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।


राज्यव्यापी आंदोलन के तहत जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने इस विरोध में हिस्सा लिया। उन्होंने सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की। शिक्षकों ने कहा कि उच्च माध्यमिक शिक्षा को उच्च शिक्षा की सीढ़ी माना जाता है। इसे कमजोर करना छात्रों और समाज के हित में नहीं है।


इस आंदोलन में डॉ. मिथिलेश कुमार, बृजभूषण झा, उदित नारायण, मिथिलेश कुमार, पंकज कुमार गिरी, विभीषण गोराई, नीतू शर्मा, प्रमोद कुमार अग्रवाल, सुजीत कुमार सेठ, सुनीता शर्मा, भारती कुमारी, संदीप कर, सुब्रतो गुलियार, आशा गुप्ता, सपना मिश्रा और सुनीता कुमारी समेत बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग की।

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