खूंटी : खूंटी भगवान बिरसा मुंडा की पावन भूमि और झारखंड के उन चुनिंदा जिलों में शामिल है, जहां प्रकृति ने अपनी संपूर्ण सुंदरता को पूरी तरह से प्रस्तुत किया है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल जैसे पेरवांघाघ, पंचघाघ, रानी फॉल, सप्तधारा और उलूंग तो प्रसिद्ध हैं ही, साथ ही मानव निर्मित पर्यटन स्थल जैसे लतरातू डैम और बिरसा मृग विहार भी सैलानियों को आकर्षित करते हैं।
इन दिनों खूंटी का लतरातू डैम विशेष रूप से सैलानियों के बीच एक प्रमुख आकर्षण बनकर उभरा है। शांत वातावरण, प्राकृतिक सुंदरता और मनोरम दृश्य इस डैम को एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यहाँ के हरे-भरे जंगल, साफ-सुथरी झील और पक्षियों की चहचहाहट इसे एक शानदार पिकनिक स्थल बनाते हैं। यहाँ बोटिंग और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ भी पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं, जो परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करते हैं।
लतरातू डैम का पर्यटन में महत्व और विकास की योजनाएं
खूंटी के उपायुक्त लोकश मिश्रा ने लतरातू डैम को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह स्थल विशेष रूप से सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। उन्होंने बताया कि नवंबर से फरवरी तक यहाँ पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। जिले के प्रशासन ने इसे और भी आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
उपायुक्त ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह है कि यहाँ आने वाले पर्यटक न केवल प्रकृति की सुंदरता का आनंद लें, बल्कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का भी अनुभव करें। हम लतरातू डैम को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।” इसके साथ ही उन्होंने पर्यटकों से अपील की कि वे यहां आने पर सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और क्षेत्र की सफाई बनाए रखने में सहयोग करें।