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1 अगस्त से शुरू होगा झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र, 5 कार्य दिवस में उठेंगे अहम मुद्दे

Jharkhand Assembly Monsoon Session: राज्यपाल द्वारा सत्र के बाहर promulgate किए गए अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियों को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।

by Reeta Rai Sagar
Jharkhand Assembly Monsoon Session 2025 schedule and key political discussions
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  • विपक्ष उठाएगा भ्रष्टाचार, रोजगार और विधि व्यवस्था पर सवाल
  • 5 अगस्त को अनुपूरक बजट और विनियोग विधेयक पर होगी चर्चा और मतदान झारखंड विधानसभा मानसून सत्र 2025 की तिथियां तय

रांची: झारखंड विधानसभा का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 1 अगस्त 2025, शुक्रवार से आरंभ होने जा रहा है, जो 7 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस सात दिवसीय सत्र में कुल पांच कार्य दिवस होंगे। उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सत्र से संबंधित औपबंधिक कार्यक्रम को मंजूरी दी गई थी।


इस अवधि में 2 अगस्त (शनिवार) और 3 अगस्त (रविवार) को अवकाश रहेगा। शेष पांच दिनों में सदन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और निर्णय लिए जाएंगे।

सत्र का दिनवार कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:


1 अगस्त, शुक्रवार
• राज्यपाल द्वारा सत्र के बाहर promulgate किए गए अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियों को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
• इसके बाद दिवंगत व्यक्तियों के प्रति शोक प्रस्ताव पारित कर कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी।
4 अगस्त, सोमवार
• प्रश्नकाल के साथ दिन की शुरुआत होगी।
• तत्पश्चात वित्तीय वर्ष 2025-26 का प्रथम अनुपूरक बजट विधानसभा पटल पर प्रस्तुत किया जाएगा।
5 अगस्त, मंगलवार
• प्रश्नकाल के बाद अनुपूरक बजट पर सामान्य चर्चा होगी।
• इसके उपरांत संचित निधि से व्यय की अनुमति हेतु विनियोग विधेयक का प्रस्तुतीकरण और पारण होगा।
6 अगस्त, बुधवार
• प्रश्नकाल के बाद सदन में राजकीय विधेयकों और अन्य राजकीय कार्यों का निष्पादन किया जाएगा।
7 अगस्त, गुरुवार
• यह सत्र का अंतिम कार्य दिवस होगा।
• प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक और अन्य कार्यों के अलावा गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी और संबंधित विभागीय मंत्री जवाब देंगे।

सत्र में उठ सकते हैं ये बड़े मुद्दे

2024 के मानसून सत्र की तरह इस बार भी विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार, रोजगार संकट, विधि व्यवस्था और बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे विषयों को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की संभावना है।
विशेष रूप से संथाल क्षेत्र में बदलती डेमोग्राफी को लेकर भी विपक्षी दल आक्रामक रुख अपना सकते हैं।
विपक्षी रणनीति के मद्देनज़र सदन में तीखी नोकझोंक और हंगामे की पूरी आशंका है। वहीं, सरकार अनुपूरक बजट और विकास से जुड़े विधेयकों के माध्यम से अपनी प्राथमिकताओं को सामने रखेगी।

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