रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आगामी विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से सरकार बनाने का दावा किया है। पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य के 24 में से 11 जिलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीए का खाता तक नहीं खुलेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि बाकी 13 जिलों में एनडीए को सीटें जीतने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। झामुमो ने 81 में से 59 सीटों पर जीत का भरोसा जताया है, जिससे हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के दोबारा सत्ता में आने की संभावना मजबूत हो गई है।
महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा,
“23 नवंबर को मतगणना के बाद झारखंड को नया जनादेश और नई दिशा मिलेगी। यह जनादेश झारखंड मुक्ति मोर्चा और हमारे सहयोगियों के पक्ष में होगा।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता ने झामुमो पर विश्वास जताया है और पार्टी राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
11 जिलों में एनडीए को शून्य बताया
झामुमो के अनुसार, 11 जिलों में एनडीए को कोई भी सीट नहीं मिलने वाली है। इनमें संथाल परगना, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर, कोल्हान और पलामू प्रमंडल के कई प्रमुख इलाके शामिल हैं।
झामुमो का अनुमान: इन सीटों पर पक्की जीत
महासचिव ने जिन सीटों पर जीत का दावा किया है, उनमें निम्नलिखित सीटें शामिल हैं:
- संथाल परगना प्रमंडल – राजमहल, बरहेट, दुमका, मधुपुर, महेशपुर
- उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल – बगोदर, गिरिडीह, सिंदरी, चंदनकियारी
- दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल – रांची, हटिया, सिसई, तोरपा
- कोल्हान प्रमंडल – जुगसलाई, घाटशिला, चक्रधरपुर
- पलामू प्रमंडल – डालटनगंज, गढ़वा, भवनाथपुर
कड़ी टक्कर वाली सीटें
झामुमो ने कई सीटों पर एनडीए के साथ कड़े मुकाबले का भी अनुमान लगाया है। इन सीटों में रामगढ़, जमुआ, बहरागोड़ा, हजारीबाग, धनबाद और लोहरदगा प्रमुख हैं।
शहरी क्षेत्रों में कम मतदान पर चिंता
सुप्रियो भट्टाचार्य ने शहरी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम मतदान प्रतिशत पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा,
“शहरी मतदाता हमेशा सरकार और प्रशासन की आलोचना करता है, लेकिन जब मतदान की बारी आती है, तो वह अपने कर्तव्य से पीछे हट जाता है।”
उन्होंने ग्रामीण इलाकों में भारी मतदान की सराहना की और कहा कि यह झारखंड की राजनीति में सकारात्मक संकेत है।
झामुमो का विजन: समृद्ध और विकसित झारखंड
महासचिव ने झामुमो सरकार की प्राथमिकताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नई सरकार झारखंड को समृद्ध और विकसित राज्य बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में नए कदम उठाएगी।
विश्लेषण: झामुमो की रणनीति और एनडीए की चुनौती
झामुमो की बढ़त के संकेत
- झामुमो का दावा 59 सीटों पर जीत का है, जो दो-तिहाई बहुमत का संकेत है।
- पार्टी ने हेमंत सोरेन की लोकप्रियता और सरकार की नीतियों पर भरोसा जताया है।
एनडीए की चुनौतियां
- झामुमो का दावा है कि 11 जिलों में एनडीए को कोई सीट नहीं मिलेगी।
- अन्य जिलों में एनडीए को झामुमो और उसके सहयोगियों से कड़ी टक्कर मिलेगी।
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