रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा भर्ती घोटाले में आरोपितों को सीबीआई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सीबीआई अदालत ने 10 आरोपितों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने हरिबंश पंडित, योगेंद्र प्रसाद, प्रवीण रोहित कुजूर, और बिजय कुमार सहित अन्य आरोपितों को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया।
क्या था मामला?
आरोपितों ने पिछले दिनों अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसमें वे अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत से राहत की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अदालत ने उनके सभी तर्कों को नकारते हुए जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। इस फैसले से आरोपितों को एक बड़ा झटका लगा है। अदालत ने अजय सिंह बड़ाईक की याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है और इस मामले में अपना निर्णय 28 फरवरी को सुनाएगी। वहीं, सीमा सिंह और मोहन लाल मरांडी की जमानत याचिकाओं पर मार्च के पहले सप्ताह में सुनवाई की जाएगी।
अब तक क्या हुआ है?
सीबीआई कोर्ट पहले ही 32 आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर चुका है। इन याचिकाओं में से अब तक 10 आरोपितों की याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। इससे पहले अदालत ने अरविंद कुमार लाल, लखीराम बास्की, संजय पांडे, अंजना दास और साधना जयपुरिया की जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं।
सीबीआई का संज्ञान और समन
ज्ञात हो कि सीबीआई कोर्ट ने 16 जनवरी को मामले में 47 भ्रष्ट अफसरों सहित 74 लोगों के खिलाफ संज्ञान लिया था और समन जारी किया था। इस घोटाले में जेपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप है, जिसमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम सामने आ चुका है।