Jamshedpur (Jharkhand): झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में जमशेदपुर समेत पूरे कोल्हान क्षेत्र के छात्र-छात्राओं ने अपनी मेधा का परचम लहराया है। इस परीक्षा के नतीजों में कई स्थानीय युवाओं ने शीर्ष रैंक हासिल कर अपने परिवार, शहर और जिले का नाम रोशन किया है।
JPSC Exam Result:जमशेदपुर की बेटियों का जलवा, कोल्हान के सपूत भी चमके
काशीडीह निवासी छात्रा खुशी पांडेय ने 13वां रैंक अर्जित कर शहर को गौरवान्वित किया है। वहीं, टेल्को निवासी अंकिता कुमारी ने 30वां रैंक प्राप्त किया है, जिन्हें एडमिनिस्ट्रेटिव कैडर मिलने की प्रबल संभावना है। टाटा स्टील में कार्यरत कदमा के ईसीसी फ्लैट निवासी मम्पी अधिकारी ने 102वां रैंक हासिल किया है।
इसके अलावा, टाटा स्टील में ही कार्यरत नीरज कंडिर ने 270वां रैंक प्राप्त किया है। मम्पी अधिकारी मूल रूप से पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित काशिदा पंचायत की रहने वाली हैं, जबकि नीरज कंडिर सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड स्थित कसराउली गांव के निवासी हैं। सरायकेला-खरसावां जिले के ही राजनगर प्रखंड के बुंडू गांव निवासी सुनील मुर्मू ने भी इस परीक्षा में सफलता अर्जित की है। वह जमशेदपुर स्थित एलबीएसएम कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर के छात्र हैं।
अनुशासन की प्रतीक बनीं खुशी पांडेय

13वें रैंक के साथ सफल हुई खुशी पांडेय ने अपने पहले ही प्रयास में यह शानदार कामयाबी हासिल की है। वह मूलतः उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की निवासी हैं। उनकी स्कूली और कॉलेज स्तर तक की शिक्षा अयोध्या से ही हुई है। उनके पिता प्रमोद कुमार पांडेय शहर के बाराद्वारी स्थित पीपुल्स एकेडमी प्लस टू स्कूल में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक हैं, जबकि उनकी माता राजकीयकृत विद्यालय में शिक्षिका हैं।
खुशी ने अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि अनुशासन सफलता के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने अन्य अभ्यर्थियों को सलाह दी कि वे पाठ्यक्रम (सिलेबस) को अच्छी तरह से समझें और उसका पूरी निष्ठा के साथ अनुसरण करते हुए तैयारी करें, इससे सफलता की राह आसान हो जाती है।
टेल्को की अंकिता कुमारी: मार्गदर्शन भी करती हैं ऑनलाइन

टेल्को निवासी अंकिता कुमारी को इस परीक्षा में 30वां रैंक मिला है, जिससे उन्हें एडमिनिस्ट्रेटिव कैडर मिलने की पूरी उम्मीद है। अंकिता के पति कन्हैया कुमार टाटा मोटर्स में सीनियर मैनेजर हैं। अंकिता ने अपनी स्कूली शिक्षा टेल्को स्थित विद्याभारती चिन्मया विद्यालय से पूरी की है। खास बात यह है कि सिविल सर्विसेज की स्वयं एक अभ्यर्थी होने के बावजूद, वह तैयारी करने वाले अन्य विद्यार्थियों का ऑनलाइन मार्गदर्शन भी करती हैं।
टाटा स्टील से मिली प्रेरणा, मम्पी अधिकारी का 102वां रैंक

जमशेदपुर के कदमा ईसीसी फ्लैट निवासी मम्पी अधिकारी ने जेपीएससी-2023 की परीक्षा में 102वां रैंक हासिल कर शहर और जिले दोनों को गौरवान्वित किया है। मम्पी मूलतः पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित काशिदा पंचायत की रहने वाली हैं। लोक सेवा के प्रति उनके रुझान ने ही उन्हें जेपीएससी परीक्षा की ओर आकर्षित किया। उन्होंने टाटा स्टील से अप्रेंटिसशिप की है और वर्तमान में टाटा स्टील में एनएस-6 ग्रेड में कार्यरत हैं।
मम्पी ने बताया कि मुसाबनी में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने बीडीएसएल कॉलेज घाटशिला से स्नातक और जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वह जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं। शुक्रवार का दिन उनके लिए दोहरी खुशी का था, क्योंकि जेपीएससी का परिणाम आने के साथ ही उनका पीएचडी का प्री-सबमिशन और वाइवा भी था। मम्पी के पिता आलोक अधिकारी टाटा स्टील में ठेकाकर्मी के रूप में सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनकी मां रुपाली अधिकारी एक गृहणी हैं, और भाई राकेश अधिकारी भी टाटा स्टील में एनएस-6 ग्रेड में कार्यरत हैं। मम्पी अपनी सफलता का श्रेय सेल्फ स्टडी, अपने माता-पिता, परिजनों और गुरुजनों को देती हैं।
कुचाई के नीरज कांडिर: अभाव में भी मिली कामयाबी

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड के कसराउली गांव के नीरज कांडिर (28 वर्ष) ने जेपीएससी की परीक्षा में 270वीं रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम की है। उनके गांव में स्कूल तक नहीं था, जिसके कारण उन्हें चक्रधरपुर में रहकर पढ़ाई करनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने जमशेदपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और टाटा स्टील में नौकरी शुरू की।
नौकरी करते हुए उन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर पहले ही प्रयास में यह कामयाबी हासिल की है। जमशेदपुर में टाटा स्टील की नौकरी के दौरान ही नीरज कांडिर ने जेपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। अपनी ड्यूटी के बाद वे घर पर रोजाना कम से कम पांच घंटे की सेल्फ स्टडी करते थे। जेपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने यूट्यूब के साथ-साथ कई किताबों की भी मदद ली। समय निकालकर अखबारों से भी जानकारी जुटाते थे। छुट्टी के दिनों में वे कुचाई के बीडीओ साधु चरण देवगम समेत अन्य जानकार लोगों से भी मार्गदर्शन लेते थे। नीरज की यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं।
JPSC Exam Result: मनोहरपुर के कमलेश गुप्ता और धरमसाई की रसिका जामुदा ने मारी बाजी, पश्चिमी सिंहभूम का नाम किया रोशन!
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में पश्चिमी सिंहभूम जिले के दो होनहार युवाओं ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता का परचम लहराया है। मनोहरपुर के कमलेश कुमार गुप्ता और चक्रधरपुर के धरमसाई गांव की रसिका जामुदा ने जेपीएससी में शानदार रैंक हासिल कर अपने परिवार और पूरे जिले का नाम रोशन किया है।
सेल्फ स्टडी से कमलेश गुप्ता ने पहले ही प्रयास में पाई सफलता

मनोहरपुर के मॉडल स्कूल से मैट्रिक पास करने वाले आलोक कुमार गुप्ता के ज्येष्ठ पुत्र कमलेश कुमार गुप्ता ने जेपीएससी परीक्षा में 130वीं रैंक हासिल कर सबको चौंका दिया है। कमलेश को झारखंड फाइनेंस सर्विस के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और माता-पिता के आशीर्वाद को दिया। कमलेश ने बताया कि उन्होंने बिना किसी विशेष ट्यूशन या कोचिंग के, रोजाना करीब 8 घंटे सेल्फ स्टडी कर यह उपलब्धि हासिल की है। उनकी यात्रा और भी प्रेरणादायक इसलिए है, क्योंकि 12वीं की पढ़ाई के बाद से ही उन्होंने 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने खर्च खुद उठाए। उनके पिता आलोक कुमार गुप्ता ने सिर्फ उनके रहने का खर्च भेजा, जबकि कमलेश ने अपने खाने-पीने और अन्य व्यक्तिगत खर्चों का वहन स्वयं किया। कमलेश की इस सफलता से परिवार के साथ-साथ पूरे शहर में हर्ष का माहौल है और उन्हें सुबह से ही लगातार बधाईयां मिल रही हैं। उनकी यह कहानी निश्चित तौर पर शहर के युवाओं के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत बनेगी।
सुदूर धरमसाई गांव की रसिका जामुदा ने भी रचा इतिहास

पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के सुदूर जंगल में बसे धरमसाई गांव के जामुदा परिवार ने एक बार फिर अपनी दृढ़ता और लगन का परिचय दिया है। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में रसिका जामुदा ने 299वां रैंक हासिल कर झारखंड प्रशासनिक सेवा में सफलता प्राप्त की है। रसिका जामुदा वर्तमान में बोकारो में नियोजन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने नौकरी में रहते हुए ही जेपीएससी की तैयारी की। उनकी स्कूली शिक्षा शहर के कारमेल स्कूल से हुई है। रसिका की इस सफलता में उनके डीएसपी भाई मंगल सिंह जामुदा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जो स्वयं पहले ही जेपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके हैं और वर्तमान में डीएसपी के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं। दोनों भाई-बहन की यह जोड़ी क्षेत्र के युवाओं के लिए एक बड़ी मिसाल कायम करेगी। रसिका की सफलता से धरमसाई जैसे पिछड़े और दूरदराज के इलाकों का भी नाम रोशन हुआ है। अब रसिका जामुदा झारखंड प्रशासनिक सेवा में अपना योगदान देंगी और समाज के उत्थान के लिए काम करेंगी। उनकी सफलता से अन्य युवाओं को भी सरकारी सेवाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी।