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Kalpana Soren : कल्पना सोरेन, जिनकी राजनीति का असर झारखंड विधानसभा चुनाव पर सिर चढ़ कर बोला

कल्पना सोरेन उभरती हुई राजनेता हैं, जिन्होंने 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव पर अपना प्रभाव दिखाया

by Rakesh Pandey
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रांची :  निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीख की घोषणा कर दी थी, जिस अनुसार झारखंड में 81 सीटों पर दो चरणों में वोटिंग पूरी हुई। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को हुआ। इस चुनाव का परिणाम 23 नवंबर को आया। वैसे झारखंड विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है, लेकिन अब हेमंत सोरेन 26 नवंबर को ही सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं।

राज्य की सभी पार्टियों ने जोर-शोर से अपना प्रचार किया था। इस बीच अभी तक सबसे ज्यादा जिसने जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा है वह हैं कल्पना सोरेन। हालांकि पिछले साल तक आपने झारखंड की राजनीति में इनका नाम नहीं सुना होगा। लेकिन अपने भाषणों और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से उन्होंने जनता के बीच अपनी इस नई पहचान से साबित कर दिया है कि वह राजनीतिक परिवार से संबंध रखती हैं। तो आइये जानते हैं कल्पना सोरेन के बारे में आगे।

कौन हैं कल्पना सोरेन

कल्पना सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी हैं, इनका जन्म 3 मार्च 1985 को संथाल परिवार में हुआ था कल्पना के पिता भारतीय सेना में थे, जिस वजह से कल्पना की परवरिश देश के अलग-अलग जगह में हुई है। उन्होंने कई केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई की और ओडिशा के कौस्तुव इंस्टीट्यूट ऑफ सेल्फ-डोमेन से बी.टेक किया। 7 फरवरी 2006 को हेमंत सोरेन से शादी की, पढ़ाई में दिलचस्पी होने की वजह से उन्होंने साल 2012 में पुणे के सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग से एमबीए की डिग्री हासिल की। ​​कल्पना को ओड़िया, अंग्रेजी, हिंदी और संथाली के अलावा बांग्ला भाषा का अच्छा ज्ञान है।

राजनीति में प्रवेश

31 जनवरी 2024 को कल्पना के पति हेमंत सोरेन, जो झारखंड के मुख्यमंत्री भी थे, उनको मनी लॉन्ड्रिंग के जुर्म में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की एक रैली में कल्पना सोरेन ने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। इसमें कल्पना को लोकसभा चुनाव के प्रचार की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने गठबंधन के लिए रैली का नेतृत्व किया, जिसने झारखंड की सभी पांच आदिवासी-आरक्षित सीटों पर सफलतापूर्वक जीत हासिल की। ​​इस सफलता के बाद, जब गांडेय सीट सरफराज अहमद के राज्यसभा में चुने जाने के बाद खाली हुई थी, तब उन्होंने गांडेय उपचुनाव लड़ा और 26,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

महिलाओं से मिला भरपूर समर्थन

कल्पना सोरेन अपने पति हेमंत सोरेन के साथ लगभग सभी राजनीतिक ज़िम्मेदारियों को समझ रहीं हैं और बहुत ही अच्छे प्रकार से पार्टी में और जनता के दिलों अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रही हैं। जब हेमंत झारखंड सरकार के कार्यों में व्यस्त रहते हैं, तब कल्पना पार्टी के प्रचार और जनता से जुड़ने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। उन्होंने पूरे राज्य में कई यात्राएं की है, मंईयां सम्मान योजना के लिए उन्होंने लगभग 70 सार्वजनिक बैठकें की, जिस वजह से उन्होंने खास तौर पर महिलाओं से महत्वपूर्ण समर्थन हासिल किया है।


इसके अलावा झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कल्पना झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रही थीं। इस चुनाव में भी कल्पना सोरेन ने गांडेय सीट पर भाजपा प्रत्याशी मुनिया देवी को हरा दिया और विधायक बन गईं।

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