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बिना सेवानिवृत हुए उठा रहे पेंशन का लुत्फ, केरल सरकार की जांच में हुआ खुलासा

वर्तमान में 1600 रुपये मासिक सामाजिक कल्याण पेंशन के तहत दी जाती है, जो कि कुचले और वंचित तबके के लिए निर्धारित है।

by Reeta Rai Sagar
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तिरूवनंतपुरमः केरल सरकार की ओर से सामाजिक कल्याण पेंशन स्कीम को लेकर एक सर्वे की गई,जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। पेंशन के वितरण पर किए गए विस्तृत निरीक्षण पर यह पता चला है कि यह राशि राजपत्रित अधिकारियों के साथ-साथ 1458 सेवारत सरकारी अधिकारी भी इस पेंशन सेवा का लाभ उठा रहे है।

1600 रुपए की पेंशन मुफ्त में
इसके सरकार पर अतिरिक्त भार बढ़ गया। अनुमान के मुताबिक सेवारत अधिकारियों को भुगतान करने के लिए 23 लाख रुपए की राशि का उपयोग किया गया है। यह आंकड़े तब सामने आए, जब वित्त विभाग का ध्यान इस ओर गया औऱ विभाग ने जांच के आदेश दिए। वर्तमान में 1600 रुपये मासिक सामाजिक कल्याण पेंशन के तहत दी जाती है, जो कि कुचले और वंचित तबके के लिए निर्धारित है।

ब्याज सहित लौटाए राशि
फिलहाल जिन लोगों को पेंशन की सेवा मिल रही है, उनमें स्कूल-कॉलेज के शिक्षक, स्वास्थय और राज्य सरकार के अन्य विभागों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल है। निरीक्षण के बाद नियमों के घोर उल्लंघन की जानकारी केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल को दी गई। इस पर बालगोपाल ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है और साथ ही ब्याज सहित राशि की वसूली करने को भी कहा है। इसके साथ ही दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी आदेश दिया गया है।

बता दें कि केरल में 62 लाख ऐसे लोग है, जिन्हें मासिक सामाजिक कल्याण पेंशन का लाभ मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार, कभी-कभी यह बकाया भी हो जाता है, क्यों कि राज्य सरकार का खजाना इस वक्त संकट से गुजर रहा है।

ऑडिट की मांग

इस मामले में राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष बी एल्विन प्रकाश ने कहा कि पूरे सामाजिक कल्याण पेंशन का ऑडिट समय की मांग है। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि अब जब यह मामला सामने आ गया है, तो आगे की कार्रवाई सुरू की जानी चाहिए।

आगे सरकार सभी अयोग्य लाभार्थियों की पहचान करेगी और उनका नाम लाभार्थी सूची से हटाएगी। बता दें कि वित्त विभाग ने ऐसे अयोग्य लाभार्थियों के फिल्टरेशन का काम शुरू किया है, ताकि राशि उन लोगों तक पहुंचाई जा सके, जो वाकई में इसके हकदार है।

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