Chaibasa News: कोल्हान विश्वविद्यालय में छात्रों का आक्रोश चरम पर है। कोल्हान छात्र समिति के बैनर तले गुरुवार को बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को बंद कर जमकर धरना प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और व्यापक होगा।धरना स्थल पर कोल्हान छात्र संघर्ष समिति के नेतृत्व में 15 सूत्री मांग पत्र राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को सौंपा गया है।
क्यों भड़का छात्रों का गुस्सा?
छात्र नेताओं के अनुसार, 14 जुलाई को कुलपति को विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न छात्रहित के मुद्दों पर एक मांग पत्र सौंपा गया था, लेकिन अभी तक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी उपेक्षा के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है।

छात्रों की मुख्य मांगें
छात्रों ने अपनी मांगों में बीएड पाठ्यक्रम में सुधार, एकेडमिक कैलेंडर जारी करना, NEP-2020 के अनुरूप किताबों की उपलब्धता, छात्र संघ चुनाव कराना और शिक्षक-छात्र अनुपात सुधारने जैसे अहम मुद्दों को उठाया है।
प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं
- बीएड कोर्स सुधार : वर्ष 2015 से बीएड कोर्स में सिर्फ एक मेथड पेपर पढ़ाया जा रहा है जबकि नियमानुसार दो पेपर होने चाहिए। छात्रों ने पुराने उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा की मांग की।
- शैक्षणिक कैलेंडर : छात्रों ने नियमित शैक्षणिक सत्र के लिए विश्वविद्यालय से वार्षिक कैलेंडर जारी करने की मांग की।
- एनईपी आधारित पुस्तकें सभी कॉलेजों में NEP-2020 पर आधारित पाठ्यक्रम की किताबें उपलब्ध कराने की मांग।
- छात्र संघ चुनाव: 2017 के बाद से चुनाव नहीं हुआ है, छात्रों ने जल्द चुनाव कराने पर जोर दिया।
- शिक्षक-छात्र अनुपात: एनईपी के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपात 30:1 होना चाहिए। छात्रों ने शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की।
अन्य मांगे
- विश्वविद्यालय और कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं
- टाटा कॉलेज चाईबासा और जेएलएन कॉलेज में दोबारा बीएड की पढ़ाई शुरू हो
- विश्वविद्यालय परिसर में बने पार्क का समुचित रखरखाव हो
- कॉलेजों में खेल सामग्री की तत्काल व्यवस्था हो
- स्वास्थ्य शिविर का आयोजन नियमित हो
छात्र नेताओं की चेतावनी
छात्र मोर्चा जिलाध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने कहा कि बीते कई वर्षों से लगातार पत्राचार और आवेदन देने के बावजूद बीएड कोर्स से संबंधित समस्या पर कोई कार्य नहीं हुआ, जिससे अब छात्रों के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
प्रदर्शन में मौजूद छात्र नेता और प्रतिनिधि
धरना में झामुमो युवा मोर्चा के सचिव मंजीत हांसदा, छात्र नेता पिपुन बारिक, छात्र मोर्चा अध्यक्ष सनातन पिंगुवा, छात्रा नेता कंचन गागराई, प्रीति पिंगुवा, अनुज पूर्ति, प्रीतम बांकीरा, बिरसिंह बालमुचू, शांति तामसोय, गिलमान अनवर, शिवम सिन्हा, निधि राज, अंजलि, शिवांग सहित B.Ed के छात्र-छात्राएं और अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
छात्रों का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने मौन धारण रखा, तो यह आंदोलन बड़े स्तर पर फैलेगा और इसका असर पूरे झारखंड में देखा जाएगा।