मथुरा: भारत में होली का पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन बरसाना की लट्ठमार होली अपनी अनोखी परंपरा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस वर्ष यह होली आज शाम 4 बजे से शुरू हो रही है और देश-विदेश से श्रद्धालु इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बनने के लिए बरसाने पहुंच चुके हैं। इस होली में राधा रानी मंदिर से लेकर बरसाना की रंगीली गलियों तक प्रेम, श्रद्धा और उल्लास का माहौल होगा, जहां महिलाएं हुरियारे (ग्वाले) को लाठियां मारने का रिवाज निभाती हैं। यह परंपरा और नजारा देखने के लिए लाखों लोग बरसाना आते हैं, जो इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बनते हैं।

लट्ठमार होली की परंपरा और रंगीली गलियों का नजारा:
बरसाना की लट्ठमार होली में नंद गांव के ग्वाले, जो कृष्ण के रूप में सजे होते हैं, राधा रानी मंदिर पहुंचते हैं। यहां उनके स्वागत के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद ग्वाले अपनी पारंपरिक पोशाक पहनकर, जिनमें सफेद धोती, कुर्ता, बगलबंदी, मोर मुकुट और बांसुरी शामिल होती है, राधा रानी मंदिर के प्रांगण में आते हैं। इस मौके पर गायन होता है और रंगों की बौछार की जाती है। इसके बाद हुरियारे बरसाना की रंगीली गलियों में निकलते हैं, जहां महिलाओं द्वारा प्रेम भरे लाठियां मारी जाती हैं। यह लट्ठमार होली का ही अनोखा और रोमांचक रूप है, जो हर चौराहे पर देखने को मिलता है।
लट्ठमार होली का अनोखा आकर्षण:
जब हुरियारे रंगीली गलियों में पहुंचते हैं, तो घरों के दरवाजों पर खड़ी महिलाएं उन्हें लाठी से प्रेम भरी मार करती हैं। यह लाठियां मारी जाती हैं, लेकिन यह कोई सामान्य मार नहीं होती। यह लाठियां प्रेम और श्रद्धा की भावना से भरी होती हैं और हुरियारे इन लाठियों के साथ हठजोली करते हुए आगे बढ़ते हैं। यह दृश्य न केवल देखने के लिए अद्भुत होता है, बल्कि इसमें एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गहराई भी होती है। इस विशेष आयोजन के दौरान, भक्तों की बड़ी संख्या इस अनूठे उत्सव का आनंद लेने के लिए बरसाना पहुंचती है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
बरसाना की इस रंगीली और अनोखी होली के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरा मेला क्षेत्र 8 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है। सुरक्षा के लिए 120 सीसीटीवी कैमरे, 10 वॉच टावर, और 5 ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही, 5 एएसपी, 15 सीओ, 12 थाना प्रभारी, 50 सब इंस्पेक्टर, 7 महिला सब इंस्पेक्टर, 650 कांस्टेबल, और 50 महिला कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 4 पीएसी कंपनियां और 4 दमकल वाहन भी सुरक्षा में लगे हुए हैं। इस आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए, बरसाना परिसर में खोया पाया केंद्र भी स्थापित किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न हो।
नए श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था:
बरसाना में होने वाली इस अद्भुत होली में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में, प्रशासन ने यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, ताकि वे आसानी से इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बन सकें। इन सब इंतजामों के बावजूद, मुख्य आकर्षण यहां की लट्ठमार होली ही रहती है, जहां प्रेम और भक्ति की भावना के साथ लाठियां मारी जाती हैं और हर कोई इस उत्सव का हिस्सा बनता है।
इस साल भी, बरसाना में लट्ठमार होली का आनंद लेने के लिए देश-विदेश से भक्त और श्रद्धालु इकट्ठा हुए हैं। होली के इस अद्वितीय रूप को देखने के लिए भक्तों का उत्साह और जोश हर साल बढ़ता जा रहा है।