रांची : झारखंड के खूंटी जिले के किसानों की जिंदगी इन दिनों गेंदा फूलों की महक से गुलजार है। दीपावली के नजदीक आने के साथ ही गेंदा फूल की मांग बढ़ गई है और इस मौके का फायदा उठाने के लिए खूंटी, मुरहू और तोरपा प्रखंड के सैकड़ों किसान गेंदा फूल की खेती में जुट गए हैं। यह न केवल कम पूंजी और कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमाने का साधन है, बल्कि त्यौहारों के समय इसकी बिक्री का भी बेहतरीन अवसर मिलता है।
गेंदा फूल की खेती का बढ़ता चलन
खूंटी जिले में गेंदा फूल की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। किसानों को इस बात की खुशी है कि गेंदा फूल की खेती में कोई बड़ी भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती। बाजार में गेंदा फूल की बिक्री अब अच्छी हो रही है, जिससे किसानों को लाभ भी अच्छा मिल रहा है। गेंदा फूल के उत्पादन में महज तीन महीने का समय लगता है। कई किसान 30 से 50 डिसमिल में खेती कर रहे हैं और उन्हें 30 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है।
त्यौहारों का प्रभाव
गेंदा फूल की खेती को त्यौहारों, जैसे दीपावली, सोहराय, छठ और देऊठान के दौरान खास प्रोत्साहन मिलता है। इन अवसरों पर फूलों की बिक्री बढ़ जाती है और कीमतें भी ऊंची हो जाती हैं। किसानों ने बताया कि 16 किस्मों के गेंदा फूल की खेती की है। हालांकि इस बार हुई बेमौसम बारिश के कारण कुछ पौधे गल गए थे, फिर भी सभी लोग 30 से 50 डिसमिल भूमि पर गेंदा फूल का पौधा लगा रहे हैं। इससे उन्हें 40 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का मुनाफा हो जाता है।
मुनाफा और भविष्य की आशाएं
मुरहू के सुरुंदा गांव की पौलीना मुंडू ने बताया कि उन्होंने गेंदा फूल की खेती के लिए पौधे खरीदे हैं और अब जब फूल खिल रहे हैं तो उनकी बिक्री से अच्छी आमदनी हो रही है। उनका कहना है कि गेंदा फूल की खेती में पूंजी और मेहनत दोनों ही कम लगते हैं और सीजन के दौरान बिक्री से लाभ भी बढ़िया मिल रहा है। इस बार उनके लिए बचत भी अच्छी होने की उम्मीद है।
इस तरह गेंदा फूल की खेती झारखंड के किसानों के लिए न केवल एक व्यवसायिक अवसर बन चुका है, बल्कि यह उनके जीवन में खुशहाली का प्रतीक भी है। त्यौहारों के दौरान गेंदा फूल की बढ़ती मांग ने किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की नई राहें खोली हैं। किसानों की मेहनत और संस्थाओं की मदद से यह संभव हो पाया है कि वे न केवल अपनी खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं,बल्कि अपने भविष्य को भी सुरक्षित बना रहे हैं। इस सीजन में गेंदा फूल की खेती ने उन्हें नई खुशियों और संभावनाओं से भर दिया है।
Read Also- Chhoti Diwali : यम का दीपक : बनाने और जलाने की विधि