Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत जुड़ी पंचायत से मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में अनियमितता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि पंचायत के रजिस्टर के अनुसार, इस गांव में सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार रहता है, लेकिन सरकारी योजना की लाभुक सूची में 15 मुस्लिम नाम शामिल हैं, जिनमें एक पुरुष को भी लाभ मिल रहा है।
माना जा रहा है कि यह महिलाएं किसी अन्य गांवों की हैं। यह महिलाएं कहां की हैं यह पता नहीं चल पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह महिलाएं उनके गांव की नहीं हैं। कुछ लोग इसे घुसपैठ से जोड़ रहे हैं। इस आरोप की सच्चाई क्या है यह तो प्रशासनिक जांच के बाद ही पता चलेगा।
इस योजना का लाभ लेने वालों की जो सूची मुखिया सुकलाल सरदार को सौंपी गई, उसमें 358 लाभुकों के नाम हैं। इन नामों में 15 मुस्लिम लाभुकों का उल्लेख देखकर मुखिया भी हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि पंचायत में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार है, लेकिन सूची में अन्य 14 नाम कहां से और कैसे आए, यह बड़ी जांच का विषय है।

मुखिया सुकलाल सरदार ने बताया कि पंचायत में लाभुकों का सत्यापन पूरी निगरानी और प्रक्रिया के साथ किया गया था, लेकिन लाभुकों की अंतिम सूची में 15 मुस्लिम नाम किसने और कैसे जोड़े, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि वह यह सूची उच्चाधिकारियों को सौंपकर मामले में जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।
प्रशासन कराए जांच
गौरतलब है कि जुड़ी गांव, पोटका की पूर्व विधायक मेनका सरदार का मायका भी है, और ऐसे में इस गांव में घुसपैठ के आरोपों का सामने आना जांच का विषय है। इससे पहले भी जिले के चाकुलिया और हेंदलजुड़ी पंचायतों से घुसपैठ और जाली दस्तावेज के जरिए सरकारी योजनाओं के लाभ उठाने के मामले सामने आ चुके हैं। यहां जमशेदपुर के मुस्लिम परिवार के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र चाकुलिया से बनवाए थे। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि मंईयां सम्मान योजना समेत सभी सामाजिक योजनाओं में लाभुकों का पुनः भौतिक सत्यापन कराया जाए, ताकि वास्तविक पात्रों को ही लाभ मिल सके और योजना में पारदर्शिता बनी रहे।