गोइलकेरा (पश्चिमी सिंहभूम) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड में मलेरिया का प्रकोप गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है। पिछले दो दिनों में करीब 300 लोग मलेरिया बुखार से पीड़ित पाए गए हैं। वहीं, मलेरिया की चपेट में आकर दो बच्चों की मौत हो चुकी है। यह स्थिति तब और भयावह हो गई जब ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया की रोकथाम के लिए जरूरी कदमों की अनदेखी की जा रही है।
मलेरिया से मौतों और बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता
ग्रामीणों के मुताबिक, मलेरिया के इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। गोइलकेरा में मलेरिया रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। मलेरिया विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही और दवाओं की कमी से स्थिति और बिगड़ती जा रही है।
पिछले दो दिनों में दो बच्चों की मौत और एक सौ से ज्यादा मरीजों के मलेरिया से संक्रमित होने की खबर से स्वास्थ्य प्रशासन की नींद उड़ गई है। इस पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने माना कि मलेरिया की रोकथाम के उपायों में भारी चूक हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए डी.डी.टी. का छिड़काव नहीं किया जाता, और मच्छरदानी का वितरण भी पूरी तरह से बंद हो चुका है। इसके अलावा, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एमपीडब्ल्यू) की भारी कमी भी समस्या का एक बड़ा कारण बन रही है। गोइलकेरा में 47 एमपीडब्ल्यू पदों के लिए स्वीकृत किए गए थे, लेकिन अब केवल 13 एमपीडब्ल्यू काम पर हैं।
इन कार्यकर्ताओं की स्थिति और भी खराब है क्योंकि अधिकांश एमपीडब्ल्यू अपनी नियुक्ति स्थलों पर काम करने के बजाय अन्य क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जो मलेरिया रोकथाम के प्रयासों को कमजोर कर रहा है। रक्त नमूनों का संग्रह भी ठप पड़ा हुआ है, और मलेरिया जांच का काम सहिया (स्वास्थ्य कार्यकर्ता) के भरोसे छोड़ दिया गया है, जो स्थिति को और भी जटिल बना रहा है।
दवाओं और कीटाणुनाशक की कमी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यह भी माना कि कीटाणुनाशक और मलेरिया की दवाओं की भारी कमी हो रही है, जिससे मलेरिया की जांच और इलाज समय पर नहीं हो पा रहा है। इस कारण, रोजाना ओपीडी में इलाज कराने आने वाले एक सौ से ज्यादा मरीजों को मलेरिया से प्रभावित पाया जा रहा है।
एमटीएस सृष्टिधर महतो ने भी माना कि मलेरिया की रोकथाम के लिए डी.डी.टी. का छिड़काव पूरे प्रखंड में कराया जाएगा। उन्होंने कहा, “रिपिटेड केस के कारण अचानक मरीजों की संख्या बढ़ी है, और इसे रोकने के लिए जल्द ही सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।”
स्वास्थ्य प्रशासन से अपील
ग्रामीणों ने अब स्वास्थ्य विभाग से मलेरिया की स्थिति पर गंभीर कदम उठाने की मांग की है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन शीघ्र मलेरिया की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाएंगे ताकि और मौतें न हों और मलेरिया से प्रभावित लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके।
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