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Exclusive… झारखंड में दहेज के लिए हर तीसरे दिन एक विवाहिता को उतारा जा रहा मौत के घाट

by Suhaib
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  • जनवरी-अक्टूबर 2024 तक 142 महिलाओं को लोभियों ने बनाया अपना शिकार
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े भयावह, रोकने के लिए उठाने होंगे नए कदम
  • स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए आंकड़े, पुलिस के सारे दावे व तकनीक फेल
  • सबसे ज्यादा घटनाएं अप्रैल 2024 में हुईं, इस महीने मार डाली गईं 25 महिलाएं
  • सबसे कम वारदात अगस्त और अक्टूबर में, इस माह एक-एक की ली गई जान
  • जनवरी-अक्टूबर 2024 तक दहेज़ प्रताड़ना के 904 मामले सामने आए
  • सख्त कानून के बावजूद रुकने का नाम नहीं ले रहीं घटनाएं
  • जून में हुई सबसे ज्यादा वारदातें, इस महीने 206 महिलाओं को किया गया प्रताड़ित
  • जुलाई में सबसे कम 41 विवाहिताओं से दहेज लोभियों ने किया टॉर्चर

रांची : झारखंड में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहीं हिंसा और अपराध की घटनाएं चिंताजनक हैं। महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पुलिस कई तरह से सक्रिय रहती है। महिलाओं की सेफ्टी के लिए कई तकनीकों का भी पुलिस इस्तेमाल कर रही है। लेकिन, सुरक्षा के सारे दावे फेल नजर आ रहे। महिलाओं के साथ दहेज के लिए हत्या और प्रताड़ना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं।

आज हम बात कर रहे हैं महिलाओं के साथ दजेह के लिए हो रही हत्या और दजेह प्रताड़ना की। दहेज के लिए लगभग हर तीसरे दिन एक विवाहिता को मौत के घाट उतार दिया जाता है। झारखंड में पिछले 10 महीनों में दहेज के लिए 142 महिलाओं को मार डाला गया। मतलब हर 61 घंटे में दहेज के लिए एक महिला मारी जा रही है।

जनवरी से लेकर अक्टूबर 2024 तक दजेह के लिए 142 महिलाओं को लोभियों ने अपना शिकार बनाया। ये आंकड़े स्टेट क्राइम रिकॉर्ड (एससीआरबी) ब्यूरो ने जारी किए हैं। सबसे ज्यादा घटनाएं अप्रैल 2024 में हुईं। इस महीने 25 महिलाओं को मार डाला गया। अगस्त और अक्टूबर में सबसे कम घटना हुई। इस महीने एक-एक महिला को लोभियों ने अपना निशाना बनाया। वहीं जनवरी से अक्टूबर तक दहेज प्रताड़ना के 904 मामले दर्ज किए गए हैं।

दहेज के लिए हर दिन तीन महिलाओं को किया जा रहा प्रताड़ित


झारखंड में राज्य की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। वह किसी न किसी रूप में प्रताड़ित हो रही हैं। सख्त कानून के बावजूद घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं। सैंकड़ों महिलाओं को बेबस होकर कानून का सहारा लेना पड़ा। राज्य में जनवरी से लेकर अक्टूबर 2024 तक दहेज प्रताड़ना के 904 केस दर्ज किए गए। मतलब दहेज के लिए हर दिन 3 महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। सबसे ज्यादा केस जून में दर्ज किए गए। इस महीने 204 महिलाओं ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया। वहीं सबसे कम मामले जुलाई में सामने आई। इस महीने 41 महिलाओं को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया।

किस माह कितनी हत्याएं

जनवरी : 19
फरवरी : 22
मार्च : 17
अप्रैल : 25
मई : 24
जून : 17
जुलाई : 13
अगस्त : 01
सितंबर : 03
अक्टूबर : 01
कुल : 142

दहेज प्रताड़ना के मामले

जनवरी : 124
फरवरी : 95
मार्च : 77
अप्रैल : 78
मई : 95
जून : 206
जुलाई : 41
अगस्त : 47
सितंबर : 87
अक्टूबर : 54
कुल : 904

समाज में एक गंभीर समस्या है दहेज

भारतीय समाज में दहेज एक गंभीर समस्या है। दहेज परंपरा महिलाओं के लिए अभिशाप से कम नहीं है। दहेज के लिए हो रही हत्याएं के मामले आए दिन सुनने को मिलते रहते हैं। झारखंड पुलिस के आंकड़े भी अब इसकी गवाही दे रहे हैं। इसे रोकने के लिए सख्त कानून भी बनाए गए हैं। अगर किसी महिला की शादी के 7 साल के अंदर उसकी असामान्यन मौत हो जाती है, तो यह दहेज मर्डर माना जाता है। इसमें सात साल से लेकर उम्रकैद तक की जेल हो सकती है। इतने सख्त कानून के बावजूद ऐसी घटनाओं पर लगाम नहीं लग रही है।

क्या है सजा का प्रावधान

दहेज हत्या को लेकर बीएनएस की धारा 80 (पूर्व में आईपीसी की धारा 304बी) होती है। बीएनएस की धारा 80 कहती है कि अगर दहेज हत्या में कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम सात साल की जेल हो सकती है। इसे उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है। साथ ही जुमार्ना भी लगाया जा सकता है। जबकि प्रताड़ना के मामले में बीएनएस की धारा 85 (पूर्व में आईपीसी की धारा 498ए) के तहत सजा का प्रावधान है।

यह धारा महिलाओं पर उसके पति और रिश्तेदारों के द्वारा क्रूरता व दहेज मांगने पर लागू होता है। शारीरिक क्रूरता में महिला से मारपीट करना शामिल है। मानसिक क्रूरता में उसे प्रताड़ित करना, ताने मारना, तंग करना जैसे बर्ताव शामिल हैं। इसके अलावा 1961 से दहेज निषेध कानून भी है। ये आईपीसी की धारा 498ए का ही विस्तृत रूप है। इस कानून के अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे दो साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया जा सकता है।

2024 में दहेज के लिए हुईं हत्याएं

केस स्टडी 01
चतरा में दहेज के लिए विवाहिता का मर्डर: 13 जून 2024 को चतरा के इटखोरी थाना क्षेत्र में दहेज के लिए विवाहिता को मार डाला गया। मृतक का नाम खुशबू था। परिजनों ने एफआईआर में कहा था कि खुशबू का पति सोने की चेन और बाइक के लिए हमेशा मारपीट करता था। ससुराल वालों की डिमांड पूरी नहीं करने पर बेटी को मौत के घाट उतार दिया गया।

केस स्टडी 02
ससुराल में मायका वालों ने जलाई बेटी की चिता: 04 सितंबर 2024 को हजारीबाग के बरही थाना क्षेत्र के चतरो गांव में शादी के चार महीने के बाद ही 22 साल की प्रीति कुमारी की उसके ससुराल वालों ने हत्या कर दी थी। मृतका के शरीर पर जलने के निशान मिले थे। उसकी एक आंख भी फूटी हुई थी। घटना के बाद आक्रोशित मृतका के मायका वालों ने शव को ससुराल के आंगन में चिता बनाकर जला दिया था।

केस स्टडी 03
झारखंड की बेटी को मुंबई ले जाकर मार डाला: 22 सितंबर 2024 को हजारीबाग की 24 साल की नवविवाहिता वर्षा कुमारी की दहेज हत्या का मामला सामने आया था। वह अपने पति के साथ मुंबई में रहती थी। परिजनों ने बताया था कि वर्षा ने लव मैरेज की थी। कुछ दिनों तक सब ठीक था। बाद में 10 लाख नकद और चार चक्का गाड़ी की मांग की जाने लगी। उसका पति दहेज के लिए मारपीट करने लगा। अचानक मायका में बेटी की मौत की खबर मिली। जिस दिन हत्या हुई, उस दिन मर्डर से एक घंटा पहले वर्षा ने फोन कर बताया था कि उसके पति ने बुरी तरह से मारपीट की है।

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