मुंबई: इन दिनों टॉप टेक कंपनियों के बीच AI की दौड़ में शामिल होने की होड़ लगी हुई है। इसी क्रम में विश्व की जानी मानी टेक कंपनी मेटा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के लिए AI चैटबॉट लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने माइक्रोसॉफ्ट से समझौता किया है।
यह जानकारी खुद मेटा के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने बताया कि फेसबुक की मूल कंपनी मेटा अपने कृत्रिम बुद्धिमत्ता चैटबॉट, लामा 2 को माइक्रोसॉफ्ट सहित प्रमुख क्लाउड प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी के माध्यम से कमर्शियल उपयोग के लिए उपलब्ध करा रही है। बता दें कि मेटा ने एक एआई सिस्टम बनाया है, जो चैटजीपीटी और गूगल के बार्ड को टक्कर देती है।
जानिए क्या कहा जुकरबर्ग ने:
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने पोस्ट के माध्यम से बताया कि कंपनी अपने एआई लार्ज लैंग्वेज मॉडल की अगली पीढ़ी को पेश करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी कर रही है। इस तकनीकी को कर्मशियल उपयोग के लिए मुफ्त बना रही है।
इसे Llama 2 के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि लोग इसके नए एआई मॉडल को सीधे या साझेदारी के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं, जो उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड प्लेटफॉर्म एज्योर पर माइक्रोसॉफ्ट के सुरक्षा और कंटेंट टूल के साथ उपलब्ध कराता है।
माइक्रोसॉफ्ट ने भी दी जानकारी:
जुकरबर्ग के अलावा Microsoft की ओर से भी इस समझौते की जानकारी देते हुए कहा गया कि कंपनी की ओर से कंटेंट फिल्टरिंग जैसे क्लाउड टूल के उपयोग के लिए Azure AI कैटलॉग के माध्यम से Llama 2 को उपलब्ध कराया जा रहा है। यह टूल सीधे विंडोज पीसी पर भी चल सकता है। इसके साथ ही अमेजन वेब सर्विसेज और हगिंग फेस जैसे बाहरी प्रदाताओं के माध्यम से उपलब्ध होगा।
कंपनी ने कहा कि मेटा और माइक्रोसॉफ्ट एआई और इसके लाभों को लोकतांत्रिक बनाने के लिए प्रतिबद्धता साझा करते हैं और हम उत्साहित हैं कि मेटा लामा 2 के साथ एक खुला दृष्टिकोण अपना रहा है।
इस लिए जरूरी है यह डील:
हालांकि दोनों की कंपनियों ने इस साझेदारी की वित्तीय शर्तों की जानकारी साझा नहीं की है । विदित हो कि माइक्रोसॉफ्ट चैटजीपीटी के निर्माता OpenAo का एक प्रमुख फंडर और भागीदार भी है। न तो ChatGPT और न ही Microsoft या Google की समान पेशकशें ओपन सोर्स हैं। डील के साथ माइक्रोसॉफ्ट यह स्पष्ट करता दिख रहा है कि जब जेनेरेटिव एआई की बात आती है तो यह केवल ओपनएआई की दुकान नहीं है।
जानकार बताते हैं कि समय की मांग है कि टेक कंपनिया AI सिस्टम को अपनाएं और अपने यूजर को भी इसे प्रोवाईड कराएं। क्योंकि जो कंपनी इसमें देरी करेगी वह इस रेस में उतनी ही पिछड़ जाएगी। हाल ही में टेस्ला व ट्विटर जैसे कंपनियों के मालिक एलन मस्क ने भी AI की दौड़ में शामिल होने की घोषणा की थी।