RANCHI (JHARKHAND): रांची के रेडिशन ब्लू होटल में आयोजित नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस समारोह में राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बतौर मुख्य शामिल हुई। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की। जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड में जल्द ही ई-केसीसी (इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड) की शुरुआत की जाएगी।
जिससे किसानों को मात्र 3 से 4 दिनों के भीतर क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार और संस्थानों की योजनाएं तभी सफल होंगी, जब सभी संबंधित विभाग, सहकारी समूह, अधिकारी और बैंक टीम भावना के साथ काम करें।
किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
उन्होंने कहा कि अभी भी कई किसान योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जिसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी और प्रक्रिया की जटिलता है। ई-केसीसी इस समस्या का डिजिटल समाधान साबित होगा। कृषि मंत्री ने नाबार्ड द्वारा वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एफपीओ के जरिए किसानों को संगठित कर योजनाओं का लाभ देना आसान हो सकता है।
बैंकों को दी गई चेतावनी
मंत्री ने एसएलबीसी और बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को स्वीकृत ऋण राशि में कटौती करना अपराध की श्रेणी में आता है। बैंकों को किसानों द्वारा ऋण के लिए मांगी गई राशि का संपूर्ण भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अनुदानित योजनाओं में किसानों से चेक के माध्यम से अंशदान लेने की बाध्यता को शिथिल किया जाना चाहिए। विथड्रॉल फॉर्म के माध्यम से भी यह प्रक्रिया पूर्ण की जा सकती है, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले लैंप्स-पैक्स और किसानों को सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वालों में पद्मश्री चामी मुर्मू भी शामिल थीं। नाबार्ड द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का भ्रमण किया और नाबार्ड की नई प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन भी किया। समारोह को मुख्य महाप्रबंधक गौतम सिंह, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, बीएयू कुलपति एससी दुबे और एसएलबीसी के महाप्रबंधक गुरु प्रसाद गोंड ने भी संबोधित किया।