लखनऊ: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहा है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है। इस एयरपोर्ट का निर्माण न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि इसे एक प्रमुख व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र में भी तब्दील कर देगा। इसके आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र बनेगा देश का सबसे बड़ा एयर कार्गो हब
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के माध्यम से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एयर कार्गो हब बनने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस हब का उद्देश्य यहां से उत्पादों को त्वरित और प्रभावी रूप से दुनिया भर में पहुंचाना है। इसके लिए एयरपोर्ट के पास बड़े पैमाने पर कोल्ड स्टोरेज और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के डिपो बनाने की योजना है, जो व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। इस हब के चलते भारत के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने में सुविधा होगी, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
विमान उड़ान के लिए तैयार, सफल वैलिडेशन ट्रायल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों का वैलिडेशन ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा हो चुका है, और अब जल्द ही यहां से नियमित उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है। इस एयरपोर्ट से सीधे तौर पर मोबाइल फोन, रेडीमेड गारमेंट्स, फल, सब्जियां और अन्य उत्पादों का निर्यात किया जाएगा। इससे स्थानीय व्यापार को एक नई दिशा मिलेगी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी।
बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण
कार्गो और यात्री ट्रैफिक की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के आस-पास सड़क नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है। चौड़ी और मजबूत सड़कों के निर्माण से ट्रकों और कार्गो गाड़ियों की आवाजाही को आसानी से किया जा सकेगा। यह एयरपोर्ट क्षेत्र को एक प्रमुख परिवहन हब में बदलने में सहायक होगा, जिससे व्यापार में सुगमता आएगी।
80 एकड़ में बनेगा विशाल कार्गो टर्मिनल
एयरपोर्ट के पहले चरण में 37 एकड़ में कार्गो टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है, जिसे भविष्य में 80 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा। यह टर्मिनल अब तक का सबसे बड़ा कार्गो टर्मिनल होगा, जिसकी शुरुआती क्षमता 2 लाख टन माल परिवहन प्रति वर्ष होगी। इसके विस्तार से व्यापार की गति को और बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
औद्योगिक क्रांति का केंद्र बन रहा है गौतमबुद्ध नगर
गौतमबुद्ध नगर पहले ही देश का प्रमुख मोबाइल निर्माण हब बन चुका है, जहां 2000 से अधिक मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थित हैं। इनमें सैमसंग का दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल निर्माण प्लांट भी शामिल है। इसके अलावा ओप्पो और वीवो जैसे प्रमुख ब्रांड्स भी यहां उत्पादन कर रहे हैं। भविष्य में इस क्षेत्र में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भी स्थापित होने की उम्मीद है, जिससे यह क्षेत्र और भी औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन जाएगा।