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केवल शाही परिवारों के पास सारे अधिकार है, राहुल का सिंधिया पर निशाना

बीजेपी-आरएसएस आजादी से पहले का भारत चाहते हैं, जहां आम लोगों के कोई अधिकार न हों और केवल गौतम अडानी और मुकेश अंबानी जैसे लोगों के पास ही अधिकार हों।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्कः कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बीजेपी नेता ज्योरादित्य सिंधिया आमने-सामने आ गए है। राहुल गांधी नेता ने सोमवार को दावा किया कि आजादी से पहले पिछड़े वर्गों के पास कोई अधिकार नहीं थे और केवल राजा-महाराजा को ऐसे अधिकार प्राप्त थे। उनकी टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने उन पर शाही परिवारों के योगदान की अनदेखी करने का आरोप लगाया, और कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया।

बीजेपी-आरएसएस आजादी के पहले का भारत चाहते है

मध्य प्रदेश के महू में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस आजादी से पहले का भारत चाहते थे, जहां गरीब खामोशी से पीड़ित हों जबकि देश अरबपतियों द्वारा चलाया जा रहा हो। राहुल का कहना है कि परिवर्तन स्वतंत्रता के साथ लाया गया था। आपको जमीन और अधिकार मिले। बीजेपी-आरएसएस आजादी से पहले का भारत चाहते हैं, जहां आम लोगों के कोई अधिकार न हों और केवल गौतम अडानी और मुकेश अंबानी जैसे लोगों के पास ही अधिकार हों। वे चाहते हैं कि गरीब चुपचाप पीड़ित हों न कि सपने देखें जबकि देश अरबपतियों द्वारा चलाया जा रहा है।

संविधान को पॉकेट डायरी मानने वालों को सवाल नहीं पूछना चाहिए

राहुल गांधी की टिप्पणी पर सिंधिया और उनके चचेरे भाई और बीजेपी सांसद दुष्यंत सिंह ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें गांधी परिवार के वंशज पर पूर्ववर्ती शाही परिवारों के योगदान की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया। आगे उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भारत के शाही परिवारों की भूमिका के बारे में संविधान को अपनी ‘पॉकेट डायरी’ मानने वाले नेता राहुल गांधी को सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने जो बयान दिया है, वह उनकी संकीर्ण सोच और समझ को उजागर करता है। सत्ता और पद की भूख में वह भूल गए हैं कि इन शाही परिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास की नींव रखी थी।

बड़ौदा के राजा ने दी थी अंबेडकर को वित्तीय सहायता

सिंधिया ने बताया कि बड़ौदा के राजा सयाजीराव गायकवाड़ ने संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी। छत्रपति शाहू जी महाराज ने 1902 में पहली बार अपनी शासन प्रणाली में देश के बहुजनों को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की नींव रखी थी। पिछड़े वर्गों को शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने के लिए, ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम ने पूरे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में शिक्षा और रोजगार केंद्र खोले।

राहुल पहले इतिहास पढ़े, फिर बयान दें

2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तानाशाही विचारधारा को जन्म दिया और दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को कमजोर करने का काम किया। राहुल गांधी, पहले इतिहास पढ़ें, फिर बयान दें! दूसरी ओर, दुष्यंत सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उनका बयान इतिहास को समझे बिना उनकी “लापरवाह हिट एंड रन राजनीति” का एक और उदाहरण है।

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