नई दिल्ली : भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सोमवार को देश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान को कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया। इस दौरान वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने अपनी बात की शुरुआत रामचरितमानस के प्रसिद्ध दोहे से करते हुए कहा — “भय बिनु होय न प्रीति।” यह संदेश सिर्फ सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टि से भी पड़ोसी देश को भारत की स्थिति स्पष्ट करता है। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया और 11 एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया।

रामचरितमानस के दोहे से दिया रणनीतिक संदेश
एयर मार्शल भारती ने तुलसीदास द्वारा रचित दोहा उद्धृत करते हुए कहा:
“बिनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति॥”
यह प्रसंग उस समय का है जब श्रीराम समुद्र से रास्ता देने की विनती करते हैं, लेकिन जब तीन दिन तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तब वह क्रोधित होकर कहते हैं कि बिना भय के प्रेम और संवाद संभव नहीं। यह दोहा भारतीय सेना की वर्तमान रणनीति और निर्णायक रुख को दर्शाता है — शांतिपूर्ण प्रयासों के बाद भी यदि दुस्साहस जारी रहे, तो कड़ा उत्तर देना आवश्यक हो जाता है।
सेना की तैयारी और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके में स्थित कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है और हर परिस्थिति के लिए तैयार है।
एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस वार्ता में कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों का साथ देने का निर्णय लिया। हमने आतंकवादियों और उनके समर्थन तंत्र के खिलाफ कार्रवाई की है, न कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ।”उन्होंने आगे बताया कि भारतीय रक्षा प्रणालियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। स्वदेशी ‘आकाश’ वायु रक्षा प्रणाली ने चीन की PL-15 मिसाइल को सफलतापूर्वक मार गिराया। इसके अवशेष सेना के पास उपलब्ध हैं। इसके अलावा, एक लंबी दूरी की मिसाइल को भी नष्ट किया गया है। एयर मार्शल भारती ने यह भी कहा कि भारत के सभी सैन्य ठिकाने पूरी तरह ऑपरेशनल हैं और आवश्यकता पड़ने पर किसी भी मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार हैं।
वीडियो में दिनकर की कविता ने भरा जोश
सेना द्वारा जारी एक आधिकारिक वीडियो में, कविवर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी कविता ‘रश्मिरथी’ की एक पंक्ति को भी प्रमुखता से दिखाया गया:
“जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।”
यह कविता श्रीकृष्ण के शांति प्रयासों की असफलता और युद्ध की अनिवार्यता को दर्शाती है — जो कि मौजूदा हालातों में भारत की स्थिति से मेल खाती है। सेना का यह वीडियो न सिर्फ ऑपरेशन की ताकत दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत ने जवाब देने से पहले शांति का हर रास्ता अपनाया।