Palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले के पांकी प्रखंड में सगालीम-आसेहार मुख्य सड़क की दयनीय स्थिति से त्रस्त ग्रामीणों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। बुधवार को ग्रामीणों ने इस बदहाल सड़क पर प्रतीकात्मक रूप से धान की रोपनी कर अपना विरोध दर्ज कराया। यह अनोखा प्रदर्शन पांकी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी विनय सिंह दांगी के नेतृत्व में किया गया।
ग्रामीणों का स्पष्ट आरोप है कि सड़क की इस दुर्दशा के लिए माइंस संचालक जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि प्रतिदिन 45 से 50 टन वजन वाले हाइवा ट्रक इस सड़क से गुजरते हैं, जिसके कारण यह सड़क पूरी तरह से कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है। भारी वाहनों की निरंतर आवाजाही ने न केवल सड़क को जर्जर किया है, बल्कि इसे जानलेवा बना दिया है।
जानलेवा बन चुकी है सड़क, आवागमन हुआ दूभर
स्थानीय लोगों के लिए इस सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो गया है, जिससे स्कूली बच्चों और मरीजों को विशेष कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सगालीम से आसेहार की मात्र पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में अब दो घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि आपातकालीन स्थितियों में एंबुलेंस भी गांव में आने से इनकार कर देती है, जिसके कारण कई बार गंभीर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं। इसके बावजूद, जिला प्रशासन और माइंस प्रबंधन की चुप्पी ग्रामीणों की भावनाओं की अनदेखी कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने सड़क मरम्मत के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन हर बार केवल खोखले आश्वासन ही मिले। उन्होंने सरकार से मांग की है कि माइंस कंपनियों के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का उपयोग सड़क की मरम्मत के लिए किया जाए, अन्यथा जनविरोध और अधिक उग्र रूप धारण करेगा।
दो दर्जन से अधिक गांवों का एकमात्र सहारा
आसेहार-सगालीम मुख्य सड़क करीब दो दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ती है, जिसमें आसेहार, कुसड़ी, महुगांई, बनई, भवरदह, होटाई, रतनपुर, भांग, परसिया, करीवा पत्थर, करमावाटांड़, माहे डेमा, सालमदीरी, नगड़ी, इरवा कुबुआ जैसे प्रमुख गांव शामिल हैं। इन गांवों की करीब 50 हजार से अधिक आबादी के लिए यह सड़क ही आवागमन का एकमात्र साधन है। सड़क की जर्जर स्थिति के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान जनेश्वर ठाकुर, सुनील ठाकुर, विनोद कुमार, अशोक रजक, मनोज पांडे, नीतीश कुमार, हेमंत ठाकुर, मिथलेश ठाकुर, चंदन ठाकुर, धनेश्वर ठाकुर, बंसत सोनी, रामरती देवी, देवंती देवी, चंदन शर्मा, बाबूलाल शर्मा सहित अन्य कई ग्रामीण और स्थानीय नेता उपस्थित थे।
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