Palamu (Jharkha) : झारखंड के पलामू जिले में हाथियों का आतंक एक बार फिर देखने को मिला है। सतबरवा थाना अंतर्गत मनिका वन क्षेत्र के रबदा पंचायत के सलैया गांव में मंगलवार को हाथियों के एक झुंड ने बकरी चरा रही एक अधेड़ विधवा महिला को पटक-पटक कर मार डाला। इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। वहीं, एक अन्य महिला ने किसी तरह मौके से भाग कर अपनी जान बचाई। मृतका की पहचान समुद्री कुंवर (52) के रूप में हुई है।
पानी में कूदने के बाद भी हाथियों ने नहीं बख्शा
जानकारी के अनुसार, समुद्री कुंवर अपनी पड़ोसी और वार्ड सदस्य बबलू परहिया की मां पानो कुंवर के साथ अपने घर के पास ही बकरी चरा रही थीं। तभी अचानक दो बड़े हाथी और उनके साथ एक बच्चा वहां आ धमका और समुद्री कुंवर को घेर लिया। महिला ने अपनी जान बचाने के लिए पास के एक नाले में छलांग लगा दी, लेकिन हाथियों ने पानी में घुसकर भी उसे नहीं बख्शा और तब तक पटकते रहे जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।
हाथियों के इस खूनी हमले को देखकर साथ में मौजूद पानो कुंवर जोर-जोर से चिल्लाने लगीं और किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से भागीं। उन्होंने तुरंत गांव वालों को इस घटना की जानकारी दी। ग्रामीणों के एकजुट होकर मौके पर पहुंचने पर, शोर सुनकर हाथी औरंगा नदी पार कर जंगल में चले गए।
वन विभाग ने दिया मुआवजा, ग्रामीणों में सालों भर रहता है खौफ
सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम और सतबरवा थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया। मनिका वन विभाग के रेंजर ठाकुर पासवान ने तत्काल मृतका के पुत्र को दाह संस्कार के लिए ₹50,000 की आर्थिक मदद दी। रेंजर ने बताया कि आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के बाद परिजनों को ₹3.5 लाख रुपये और मुआवजा दिया जाएगा, जिससे कुल मुआवजा ₹4 लाख से अधिक हो जाएगा।
झुंड में दो बड़े व एक बच्चा हाथी : मृतका का पुत्र
मृतका के पुत्र बबलू परहिया ने बताया कि हमले में दो बड़े हाथी और एक बच्चा शामिल थे, जो घटना के बाद औरंगा नदी पार करके शीतल जंगल की ओर चले गए। बीडीसी प्रतिनिधि धीरज कुमार ने सतबरवा थाना पुलिस, मनिका वन विभाग के साथ-साथ सीओ कृष्ण मुरारी तिर्की को भी घटना की जानकारी दी।
सालों भर हाथियों का आतंक : सामाजिक कार्यकर्ता
सामाजिक कार्यकर्ता धीरज कुमार ने बताया कि इस क्षेत्र में हाथियों का आतंक सालों भर रहता है। बेतला नेशनल पार्क से सटा होने के कारण हाथी अक्सर उत्पात मचाते हैं और फिर जंगल में लौट जाते हैं। इसके कारण स्थानीय लोगों को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेतला नेशनल पार्क के अधिकारियों को कई बार सूचना देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है।
हाथियों के कारण अक्सर होती है जान-माल की क्षति : पूर्व मुखिया
पूर्व मुखिया शंभू उरांव ने भी इस बात की पुष्टि की कि हाथियों के कारण इस क्षेत्र में हमेशा जान-माल की हानि होती रहती है। उन्होंने बताया कि रबदा पंचायत के रांकी खुर्द, सलैया, रबदा के फुलवरिया, अमझरिया, कुकुरबंधवा, और डम्हवा जैसे गांवों में हाथियों का झुंड अक्सर आ धमकता है और लोगों को कुचलकर चला जाता है, जिससे ग्रामीण हमेशा भयभीत रहते हैं।
Also Read : पलामू में ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ पर ताला, ग्रामीणों में आक्रोश, ANM पर कार्रवाई की तैयारी