हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में लापरवाही का नया मामला सामने आया हैं। बीते तीन दिनों से अस्पताल में रोजाना हंगामा हो रही है। मंगलवार को एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
मौके पर पहुंचे होमगार्ड के जवानों ने मामले को शांत करने का प्रयास किया। परिजन समझने को तैयार नहीं थे। मामले की जानकारी मिलने पर अधीक्षक डा. रविंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली। कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
क्या था मामला
बिरसानगर जोन नंबर-5 निवासी कपिल सिंह (24) को सोमवार की शाम को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने उसे देखा और इलाज शुरू किया। मंगलवार की सुबह मरीज की स्थिति गंभीर हो गई। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने कई बार डॉक्टर को बुलाया। कोई भी चिकित्सक मरीज को देखने नहीं आया। इस दौरान मरीज तड़पता रहा। इसके कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कुछ देर में बिरसानगर से और भी कई लोग पहुंच गए। विवाद बढ़ने लगा। अधीक्षक ने कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
तीन दिनों में तीन घटनाएं
– 3 सितंबर को एमजीएम अस्पताल के गायनिक वार्ड में एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। आदित्यपुर निवासी महिला का प्रसव होने के कुछ ही देर के बाद उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। इस मामले में कार्रवाई कुछ भी नहीं हुई।
– 4 सितंबर को 108 एंबुलेंस चालकों की धांधली सामने आई। इसके बाद मरीजों ने हंगामा किया था। दरअसल, एक मरीज को ब्रेन हेमरेज हो गया था। चिकित्सकों ने उसे रांची रिम्स रेफर किया तो उनके परिजनों ने 108 एंबुलेंस को जाने के लिए फोन किया। इस दौरान एक अज्ञात नंबर से फोन आया और रांची जाने के लिए तीन हजार रुपये की मांग की गई। जबकि 108 एंबुलेंस की सुविधा निश्शुल्क है।
– 5 सितंबर को बिरसानगर के युवक की मौत के बाद हंगामा हुआ।
जानिए, अधीक्षक ने क्या कहा
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार ने कहा कि मैं खुद इस मामले को देख रहा हूं। घटना की जानकारी मिली तो मैंने इमरजेंसी विभाग जाकर मामले को समझा। वहीं, मृतक के परिजनों ने लिखित शिकायत की है। बुधवार को इस मामले की जांच की जाएगी।
इस दौरान सीसीटीवी भी देखा जाएंगा। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मरीजों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी मरीज को किसी तरह की परेशानी होती है तो वह सीधे शिकायत करें।
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मरीजों की संख्या बढ़ने से बेड की दिक्कत
अधीक्षक ने कहा कि इन दिनों अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वायरल फीवर के मरीज सबसे अधिक पहुंच रहे हैं, जिसके कारण बेड मिलने में दिक्कत हो रही है।
ऐसे में मरीजों को स्ट्रेचर, कुर्सी या फिर फर्श पर लेटाकर इलाज करना मजबूरी हो गयी है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इमरजेंसी विभाग में 15 नए बेड भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद भी मरीजों को बेड मिलने में परेशानी हो रही है। वहीं, वार्ड में भी जगह नहीं है।