पटना : बिहार की राजधानी पटना, जो अक्सर ट्रैफिक जाम के लिए चर्चा में रहती है, हाल ही में हुए एक व्यापक ट्रैफिक सर्वे में देश के कई बड़े महानगरों को पीछे छोड़ते हुए बेहतर यातायात प्रबंधन में अव्वल साबित हुई है। कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों से भी आगे, पटना की ट्रैफिक व्यवस्था ने एक सकारात्मक छवि पेश की है।
सर्वे का आधार और तरीका
यह सर्वे पटना पुलिस और कम्यूनिटी ट्रैफिक पुलिस की मदद से 31 मार्च से 10 अप्रैल तक कराया गया। इसमें गूगल मैप डाटा और भौतिक सत्यापन दोनों को शामिल किया गया। ट्रैफिक सर्वे को अंतरराष्ट्रीय टॉम ट्रैफिक इंडेक्स के मापदंडों के आधार पर अंजाम दिया गया, जो दुनियाभर में ट्रैफिक की स्थिति को मापने का एक मानक तरीका है।
मुख्य तथ्य
सर्वे में 40 प्रमुख मार्गों को शामिल किया गया।
डाटा संग्रह सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक किया गया।
डाकबंगला चौराहा और सगुना मोड़ को ट्रैफिक के केंद्र बिंदु के रूप में चुना गया।
सर्वे का नतीजा : पटना आगे
सर्वे में यह पाया गया कि पटना में 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन 25 मिनट 12 सेकेंड का समय लगता है, जबकि कोलकाता में यही दूरी तय करने में 35 मिनट, चेन्नई में 30 मिनट और दिल्ली में 23 मिनट का समय लगता है।
इस तुलना से स्पष्ट है कि पटना की यातायात गति दिल्ली के करीब है और कोलकाता व चेन्नई से कहीं अधिक बेहतर।
औसत गति और वाहन की चाल
पटना में चारपहिया वाहनों की औसत गति इस दौरान 23.95 किमी/घंटा रिकॉर्ड की गई। यह गति न सिर्फ शहर की संतुलित ट्रैफिक प्रणाली को दर्शाती है, बल्कि इस बात का संकेत भी है कि शहर में यातायात के लिए उपयुक्त ढांचा और निगरानी व्यवस्था मौजूद है।
प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक की स्थिति
इस सर्वे में शहर के विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया, जैसे
रेलवे स्टेशन: पटना जंक्शन, दानापुर, राजेंद्र नगर टर्मिनल
पर्यटक स्थल : बिहार म्यूजियम, गोलघर, बापू टावर, पटना साहिब
अस्पताल : IGIMS, PMCH, NMCH, AIIMS
अन्य महत्वपूर्ण स्थल : पटना एयरपोर्ट, आपदा मोचन बल कार्यालय आदि
सर्वे के अनुसार सबसे व्यस्त और सुगम मार्ग
मार्ग : औसत गति
डाकबंगला से दिनकर गोलंबर : 12.9 किमी/घंटा
डाकबंगला से बैरिया बस स्टैंड : 13.5 किमी/घंटा
सबसे अच्छे मार्ग
मार्ग :औसत गति
डाकबंगला से पटना साहिब : 33.4 किमी/घंटा
डाकबंगला से AIIMS : 32 किमी/घंटा
क्या कहता है सर्वे
यह सर्वे इस धारणा को तोड़ता है कि छोटे शहरों में ट्रैफिक नियंत्रण व्यवस्था उतनी प्रभावशाली नहीं होती। पटना जैसे उभरते महानगर में ट्रैफिक प्रबंधन और रफ्तार नियंत्रण की जो स्थिति दिखी, वह अन्य बड़े शहरों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
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