पटना : बिहार में शिक्षकों का ट्रांसफर मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है और इसका असर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रहा है। शिक्षकों ने मंगलवार को अपने ट्रांसफर की मांग को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक बड़ा अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत शिक्षकों ने #BiharTeachersNeedTransfer हैशटैग के तहत अपनी नाराजगी जाहिर की और ट्रांसफर प्रक्रिया में हो रही देरी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कैंपेन
यह अभियान मंगलवार की शाम 5 बजे शुरू हुआ और महज दो घंटे में ही यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। शाम 7 बजे तक इस हैशटैग के तहत 9100 से अधिक पोस्ट हो चुके थे। शिक्षकों ने इस मुहिम में हिस्सा लेते हुए सवाल किया कि आखिर शिक्षा विभाग ट्रांसफर की प्रक्रिया को लेकर कोई स्पष्ट डेडलाइन क्यों नहीं जारी कर रहा है। इस अभियान का नेतृत्व बिहार शिक्षक मंच ने किया और इस ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन में हजारों शिक्षकों ने अपनी आवाज उठाई।
शिक्षकों का गुस्सा और मानसिक तनाव
बिहार शिक्षक मंच के अध्यक्ष सौरव कुमार ने कहा कि राज्य में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर शिक्षा विभाग की लेट-लतीफी से शिक्षकों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने पहले तीन बार ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था, लेकिन दो बार प्रक्रिया रद्द कर दी गई। तीसरी बार तो ट्रांसफर की प्रक्रिया का कोई अता-पता ही नहीं था। इसके कारण शिक्षकों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है, जिससे वे अपने दायित्वों को ठीक से निभाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं।
शिक्षकों की मांग : बिना वित्तीय बोझ के स्थानांतरण
दिनेश भारती, एक शिक्षक, ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हम शिक्षक न तो कोई कोहिनूर मांग रहे हैं, न ही हीरे या जवाहरात। हम सिर्फ बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के अपने ट्रांसफर की मांग कर रहे हैं’। शिक्षकों का यह भी कहना है कि अगर उन्हें समय पर ट्रांसफर नहीं मिल पाता है, तो वे अपने काम में पूरी तरह से समर्पित नहीं हो सकते और इसके परिणामस्वरूप बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ सकता है।
शिक्षक संघों ने दी आंदोलन की चेतावनी
बिहार शिक्षक मंच और अन्य शिक्षक संगठनों ने यह चेतावनी दी है कि अगर फरवरी महीने तक ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे। बिहार युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने इस मामले में शिक्षा विभाग से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और शिक्षकों को उनके इच्छित स्थानों पर ट्रांसफर सुनिश्चित करना चाहिए।
शिक्षकों के आवेदन और ट्रांसफर की स्थिति
बिहार में लगभग 1.90 लाख शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक केवल 35 नियमित शिक्षकों का ही ट्रांसफर किया गया है। इस असंतोषजनक स्थिति ने शिक्षकों में निराशा और मायूसी का माहौल बना दिया है। शिक्षकों का मानना है कि अगर बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारना है तो ट्रांसफर की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।