पलामू : झारखंड के पलामू जिले में अंतरराज्यीय अफीम तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद अब इस तस्करी में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आ रही है। पिपराटांड़ थाना प्रभारी राजवर्धन को इस मामले में संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर एसपी रीष्मा रमेशन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनकी जगह मेदिनीनगर टाउन थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को पिपराटांड़ का नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है।
अंतरराज्यीय तस्करी का खुलासा, पंजाब और पलामू से गिरफ्तार आरोपी
पलामू पुलिस ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 अंतरराज्यीय अफीम तस्करों को गिरफ्तार किया। इनमें से 4 आरोपी पंजाब के रहने वाले हैं, जबकि शेष 4 आरोपी पलामू जिले के निवासी हैं। पुलिस ने इन तस्करों के पास से ₹33 लाख नकद बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी उस समय और गंभीर हो गई, जब जांच में यह बात सामने आई कि तस्करी में स्थानीय थाना की जानकारी और संभावित सहयोग भी शामिल था।
थाना से मिली जानकारी से शक की सुई प्रभारी पर
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार तस्करों को पिपराटांड़ थाना से सहायता मिली थी और थाना प्रभारी को तस्करी की गतिविधियों की पूर्व जानकारी थी। इसी आधार पर थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले की प्रारंभिक जांच के लिए लेस्लीगंज एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की गई थी। जांच में प्रभारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
अपहरण की झूठी कहानी से हुआ खुलासा
यह पूरा मामला उस समय चर्चा में आया, जब पंजाब निवासी एक महिला ने पलामू एसपी से संपर्क कर बताया कि उसके भाई का अपहरण हुआ है और अब तक ₹7.50 लाख की फिरौती दी जा चुकी है। इस सूचना के आधार पर एसपी की स्पेशल टीम ने जांच शुरू की और पाया कि अपहरण की यह कहानी दरअसल एक अफीम खरीद-फरोख्त से जुड़ी योजना थी, जिसे पंजाब से आए तस्करों को फंसाने के लिए रचा गया था।
स्थानीय थाना को थी तस्करी योजना की पूरी जानकारी
जांच में यह भी सामने आया कि स्थानीय थाना को पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी और थाना प्रभारी की भूमिका भी संदिग्ध रही। इस वजह से प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए त्वरित कार्रवाई की और थाना प्रभारी को उनके पद से निलंबित कर दिया।
एसपी रीष्मा रमेशन ने दी स्पष्ट जानकारी
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने इस मामले पर स्पष्ट करते हुए कहा कि पिपराटांड़ थाना प्रभारी को निलंबित किया गया है। मामले में आगे की गहन जांच जारी है। पुलिस प्रशासन का मानना है कि आने वाले दिनों में इस अंतरराज्यीय तस्करी नेटवर्क से जुड़ी और भी जानकारियाँ सामने आ सकती हैं।
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