स्टेट डेस्क, पटना: प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया चौधरी के पिता व पूर्व एमएलसी प्राे. विनोद चौधरी का निधन हो गया है। लहेरियासराय के बलभद्रपुर स्थित आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 68 साल के थे। बिहार के कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शाेक व्यक्त किया है। इसे बिहार की राजनीति के लिए नुकसानदायक बताया है। विनाेद चाैधरी कभी नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे। यही वजह था कि वर्ष 2008 में जनता दल यूनाइटेड की ओर से उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया गया।
बाद में अपनी बेटी के पॉलिटिकल करियर को लेकर विनोद चौधरी चर्चा और विवादाें में आ गए।उनपर वर्ष 2020 में नीतीश कुमार से बगावत का आरोप लगा। इस दौरान उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि बेटी का फैसला अपना है। वह पढ़ी-लिखी है और अपने हक में फैसले ले सकती है, मैं उसका विरोध नहीं कर सकता। कहा जाता है कि अंदर खाने विनोद चौधरी ने अपनी बेटी की मदद की लेकिन इसके बाद भी पुष्पम प्रिया चाैधरी जीत हासिल नहीं कर सकीं।
पूरा परिवार है राजनीति में
विनोद चौधरी नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक थे। उनका परिवार पूरी तरह पॉलिटिकल फेमिली है। उनके बड़े भाई डॉ विनय चौधरी अजय दरभंगा के बेनीपुर से विधायक हैं। उनके पिताजी प्रोफेसर उमाकांत चौधरी बीजेपी के बड़े नेता थे। उन्हें लोग उमा बाबू के नाम से जानते थे। पिता की राजनैतिक विरासत का उन्हें लाभ मिला।
2020 में जेडयू से अलग हुए चाैधरी
विनोद चौधरी 2020 में अपनी बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी को लेकर काफी चर्चा में रहे। माना जाता है कि उन्होंने अपने राजनीतिक विश्वस्त और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बगावत कर दिया। पुष्पम प्रिया चौधरी ने 2020 के पहले प्लूरल्स पार्टी नाम से राजनीतिक दल का गठन कर लिया। खुद को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट घोषित कर दिया। पुष्पम प्रिया ने पूरे राज्य में बेहद खास अंदाज में अपना प्रचार किया। हालांकि, उन्हें बहुत सफलता नहीं मिली लेकिन चुनाव के वक्त विनोद चौधरी ने अपनी बेटी का पक्ष लिया था।
जानिए पुष्पम प्रिया के बारे में
पुष्पम प्रिया की बात करें ताे वह लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली हैं। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के द इंस्टीट्यूट ऑफ डिवेलपमेंट स्टडीज विश्वविद्यालय से डिवेलपमेंट स्टडीज में भी मास्टर्स किया है। पुष्पम प्रिया ने वर्ष 2020 में आयाेजित बिहार विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़ा था। पहली सीट बांकीपुर थी और दूसरी बिस्फी।
बांकीपुर सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के नितिन नवीन और कांग्रेस के लव सिन्हा से था। इस सीट पर पुष्पम प्रिया को 5,189 वोट मिले। वहीं, भाजपा प्रत्याशी नितिन नवीन ने यहां से बाजी मारी। वहीं, बिस्फी विधानसभा सीट पर पुष्पम प्रिया को नोटा से भी कम यानी महज 1509 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा के हरिभूषण ठाकुर को जीत मिली।