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PM Modi Cabinet Railway Projects : मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, झारखंड-ओडिशा समेत 6 राज्यों में ₹11,169 करोड़ की 4 रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी

PM Modi Cabinet Railway Projects: Big decision of Modi Cabinet, approval of 4 railway projects worth ₹ 11,169 crore in 6 states including Jharkhand-Odisha, freight capacity will increase by 10 crore tonnes...

by Anand Mishra
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New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और मालवहन क्षमता को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज 11,169 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। इन परियोजनाओं से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को सीधा लाभ मिलेगा और देश की मालवहन क्षमता में लगभग 10 करोड़ टन प्रतिवर्ष की वृद्धि होगी।सूचना प्रसारण, रेल, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के इन बड़े फैसलों की जानकारी दी।

चार प्रमुख रेलवे परियोजनाएं: एक नज़र

कैबिनेट ने जिन चार रेलवे परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, वे देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी:

  1. मध्य प्रदेश में इटारसी से महाराष्ट्र के नागपुर तक चौथी लाइन का निर्माण।
  2. महाराष्ट्र में औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) से परभणी तक रेल लाइन का दोहरीकरण।
  3. पश्चिम बंगाल में अलुआबारी रोड से न्यू जलपाईगुड़ी तक तीसरी और चौथी लाइन का विस्तार।
  4. झारखंड-ओडिशा सीमा क्षेत्र में डांगोपोसी से जारोली तक तीसरी और चौथी लाइन का विकास।

श्री वैष्णव ने जोर देकर कहा कि इन बढ़ी हुई लाइन क्षमताओं से रेलवे की गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव संचालन को सुव्यवस्थित करने और रेलवे नेटवर्क पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए बनाए गए हैं।

आत्मनिर्भर भारत और पीएम-गति शक्ति का दृष्टिकोण

रेल मंत्री ने बताया कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नवीन भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो इन क्षेत्रों में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित करेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं की योजना ‘पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ पर आधारित है। यह प्लान एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है। ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।

व्यापक प्रभाव: 13 जिले, 2309 गांव और पर्यावरणीय लाभ

अश्विनी वैष्णव के अनुसार, ये चार परियोजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के कुल 13 जिलों को कवर करेंगी, जिससे भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 2309 गांवों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 43.60 लाख है। ये रेल मार्ग कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं के परिवहन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। रेल मंत्री ने बताया कि क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 95.91 मिलियन टन (MTPA) सामान की अतिरिक्त आवाजाही संभव होगी।

यह पहल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। रेलवे एक पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, भारत को अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद करेगा। इससे तेल आयात में 16 करोड़ लीटर की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 515 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो लगभग 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह निर्णय न केवल भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगा।

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