नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चौथे ब्रिटेन दौरे पर रवाना हो रहे हैं, जहां उनकी संक्षिप्त लेकिन अहम यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (India-UK FTA) पर हस्ताक्षर की संभावना है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक रिश्तों में नई गति आने की उम्मीद है।
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की मुख्य बातें
ब्रिटेन और भारत के बीच यह द्विपक्षीय व्यापार समझौता कई प्रमुख क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इसमें टैरिफ में कटौती, सेवा क्षेत्र में पहुंच और श्रमिकों के लिए नियमों में छूट जैसे पहलू शामिल हैं।
किन क्षेत्रों को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा?
- कपड़ा और परिधान उद्योग
ब्रिटेन फिलहाल भारत से निर्यात होने वाले वस्त्रों पर 4% से 16% तक शुल्क लगाता है।
FTA के बाद यह शुल्क शून्य हो सकता है, जिससे भारत की कंपनियां- वेलस्पन इंडिया, अरविंद, रेमंड, वर्धमान को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।
- फुटवियर
भारतीय कंपनियां जैसे बाटा और रिलैक्सो ब्रिटिश बाज़ार में अपने उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेच सकेंगी। - रत्न और आभूषण
शुल्क कटौती से भारत के जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर को ब्रिटेन में बड़ा बाजार मिल सकता है। - ऑटोमोबाइल और ईवी सेक्टर
महिंद्रा और टाटा मोटर्स को फायदा मिलेगा, विशेषकर ईवी वाहन निर्यात में।
ब्रिटेन से आयातित लक्ज़री कारों पर शुल्क 100% से घटाकर 10% किया जा सकता है, जिससे जगुआर लैंड रोवर और एस्टन मार्टिन जैसी कंपनियों को लाभ मिलेगा।
- शिक्षा और उच्च शिक्षा संस्थान
ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों को भारत में कैम्पस खोलने की अनुमति मिलेगी।
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने गुरुग्राम में पहला विदेशी कैम्पस स्थापित किया है।
सेवा और कौशल क्षेत्र
योग शिक्षक, शेफ, संगीतकारों को अस्थायी रूप से ब्रिटेन में काम करने की छूट मिलेगी।
तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा योगदान (Social Security Contribution) से छूट।
व्यापार आंकड़े और निवेश संबंध
भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार $50 अरब डॉलर से अधिक है।
ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।
ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों की संख्या 1,000 से अधिक, जिनमें 1 लाख से ज्यादा लोग कार्यरत हैं।
राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग पर भी जोर
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान रक्षा, सुरक्षा, क्लाइमेट चेंज, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी और रणनीतिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर भी बातचीत होगी। खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर भी चर्चा की संभावना है। ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियों ने पीएम मोदी की यात्रा के मद्देनज़र कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर की बैठक
दोनों नेता G20 ब्राजील (2024) और G7 इटली (2025) में मिल चुके हैं। 6 मई, 2025 को FTA को लेकर संयुक्त घोषणा भी की गई थी।