भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पहलवानों से यौन शोषण के मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने एक हजार पन्नों की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की। पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट से बृजभूषण शरण सिंह पर लगे पॉक्सो एक्ट हटाने की सिफारिश की है। सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय हुई है।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि पॉक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिला। POCSO मामले में जांच पूरी होने के बाद शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर कोर्ट में मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। इसी को लेकर धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया कि पहलवानों द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में जांच पूरी होने के बाद हमने आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354डी के तहत और आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 109/354/354ए/506 के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
इसे समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय से बात की। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में सात महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। पहला मामला बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर था, जबकि दूसरा मामला नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न पर दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।’
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि पॉक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिला। POCSO मामले में जांच पूरी होने के बाद शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर कोर्ट में मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। इसी को लेकर धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया कि पहलवानों द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में जांच पूरी होने के बाद हमने आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354डी के तहत और आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 109/354/354ए/506 के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
इसे समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय से बात की। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में सात महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। पहला मामला बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर था, जबकि दूसरा मामला नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न पर दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।’
चंद्र प्रकाश आगे कहते हैं, ‘दिल्ली पुलिस ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न वाले मामले में ही बृजभूषण को राहत दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि बाद में नाबालिग पहलवान ने अपना बयान बदल दिया और यौन उत्पीड़न की जगह भेदभाव का आरोप लगाया। इसके अलावा पहलवान के नाबालिग होने पर भी सवाल खड़े हो गए। जिसपर उसने सफाई दी कि वह गुस्से और डिप्रेशन में थी। इसलिए उसने यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिया।’