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मतांतरित लोगों की आरक्षण सूची से डी- लिस्टिंग ही समस्याओं का एकमात्र हल : कड़िया मुंडा

by Rakesh Pandey
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दुमका : जनजाति सुरक्षा मंच संताल परगना के तत्वावधान में शनिवार को दुमका के सोनुवाडंगाल मैदान में आयोजित डी-लिस्टिंग (delisting) महारैली जनसभा को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि व पूर्व केंद्रीय मंत्री कड़िया मुंडा ने कहा कि आदिवासी समुदाय को इरादतन अवसरों व संसाधनों से वंचित करने की साजिश हुई है।

आदिवासी समुदाय के आरक्षण का लाभ संवैधानिक तरीके से गलत लोग ले रहे हैं। इस मामले में संविधान भी रुढ़िवादियों को प्रश्रय देने का पक्षधर है। कड़िया मुंडा ने कहा कि जिस धर्म में जाति की मान्यता नहीं है उसका धर्मावलंबी किसी जाति विशेष का कैसे हो सकता है। कड़िया मुंडा ने कहा कि अब समय आ गया है कि बाबा कार्तिक उरांव के प्रयासों को सफलीभूत किया जाए।

कहा कि देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी रैलियों से जागृति आ रही है। कहा कि देश में भी कुछ लोग गरीब व वंचित रहें तो ऐसी स्थिति में समग्र विकास का सपना साकार नहीं हो सकता है। कहा कि अगर बराबरी के साथ आगे बढ़ना है तो यह जरूरी है कि गरीब, अशिक्षित, अनपढ़ व जरूरतमंदों को भी समान अवसर मिलना चाहिए। ऐसे लोगों को आरक्षण मिलनी चाहिए। इसमें न तो धर्म की बात है न ही जात की बात है। कहा कि आरक्षण की जो समस्या है वह 342 में लिखा है कि धर्म नहीं है।

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उसमें लिखा है कि उस समाज के ऐसे लोग जो रुढ़िवादी हैं और परंपराओं को मानते हैं वैसे लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे में मतांतरित लोगों की आरक्षण सूची से डी-लिस्टिंग (delisting) ही सभी समस्याओं का एकमात्र हल है। बतौर मुख्य वक्ता जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.राजकिशोर हांसदा ने कहा कि देश भर में हो रहे डी-लिस्टिंग (delisting) महारैली के माध्यम से आदिवासियों के हक व अधिकारों के लिए संघर्ष जारी है।

कहा कि दुमका में 214 वां महारैली है जिसके जरिए आदिवासी हितों की रक्षा के लिए संताल परगना समेत आसपास के जिलों से आए हजारों की संख्या में आदिवासी महिला, पुरुष व नौजवान परंपरागत वेशभूषा में लैस होकर महारैली में शामिल हुए हैं। कहा कि आदिवासियों को अपने हक व अधिकार के लिए लड़ना पड़ेगा।इसके लिए चिखना-चिल्लाना होगा। दुमका के भाजपा सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि मतांतरित लोगों को वोट करना बंद करें। सांसद ने कहा कि जिसने मांझी थान छोड़ दिया है वह फिर उसका सम्मान नहीं कर सकता है। कार्यक्रम को गुरुमाता रेखा हेंब्रम, राजू पुजहर, गंगा प्रसाद मुर्मू, गुरुबाबा तुनू मुर्मू समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन मनोज हांसदा ने की।

जनसभा से पूर्व दुमका के सोनुवाडंगाल से एक विशाल महारैली निकाली गई जो शहर के टीन बाजार,वीर कुंवर सिंह चौक, विवेकानंद चौक होते हुए सिदो-कान्हु चौक होकर एसपी कालेज रोड से सोनुवाडंगाल आकर एक जनसभा में तब्दील हो गई। इस महारैली में हजारों की संख्या में लोग कतारबद्ध होकर पारंपरिक तरीके से अपनी मांगों की तख्तियां हाथ में लेकर सबका ध्यान आकर्षित कर रहे थे।

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