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Cash For Query मामले में Mahua Moitra की बढ़ी मुश्किलें, CBI जांच के आदेश

by Rakesh Pandey
Mahua Moitra Cash For Query Case
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सेंट्रल डेस्क: Mahua Moitra Cash For Query Case: तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें अभी और बढ़ सकती हैं। महुआ के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले (Cash For Query Case) में लोकपाल ने सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दिए हैं। इसी मामले में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। हालांकि, टीएमसी ने महुआ मोइत्रा को एक बार फिर से लोकसभा का टिकट दिया है। उनके खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले में जांच जारी है और अब CBI को 6 महीने के अंदर जांच करके रिपोर्ट सौंपनी होगी। पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से चुनावों के लिए टीएमसी उम्मीदवार महुआ मोइत्रा की मुश्किलें ऐसे में फिर से बढ़ गई हैं।

लोकपाल ने क्या कहा

लोकपाल ने कहा है कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ, आईपीसी की धारा 203(a) के तहत केस दर्ज करके जांच कराई जाए। साथ ही, इसकी रिपोर्ट 6 महीने के अंदर दी जाए। वहीं, इस मामले में सीबीआई सूत्रों ने कहा है कि अभी कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। लोकपाल के आदेश पर आगे की कार्रवाई होगी। मामला दर्ज करने से पहले डीटीओ (DTO) एक आदेश जारी करता है, जिसके बाद CBI केस दर्ज करके आगे जांच शुरू करेगी।

निशिकांत दुबे का सोशल मीडिया पोस्ट

वहीं लोकपाल द्वारा महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- आज मेरे शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI को जांच करने का आदेश दिया। यानि चंद पैसों के लिए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद ने हीरानंदानी के साथ भ्रष्टाचार व देश की सुरक्षा को गिरवी रखा। निशिकांत दुबे ने लोकपाल के ऑर्डर की कॉपी को भी अपने पोस्ट में संलग्न किया है।

Mahua Moitra Cash For Query Case – क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे। इस मामले की शुरुआत तब हुई जब बीजेपा नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए थे। उन्होंने महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रियल स्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। शिकायत मिलते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जांच कमेटी बना दी थी। कमेटी ने इस मामले में महुआ मोइत्रा और निशिकांत दुबे समेत कई लोगों के बयान दर्ज किए थे। 9 नवंबर की बैठक में ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोप में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी। कमेटी के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में वोट किया था। इसके बाद 8 दिसंबर 2023 को महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

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