वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गुरुवार रात को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल ने राजकीय भोज का आयोजन किया। इस अवसर पर अमेरिकी परंपरा के अनुसार टोस्ट सेरेमनी हुई। इसमें टोस्ट में शराब का सेवन किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी चूंकि शराब का सेवन नहीं करते हैं, इसलिए बिना अल्कोहल वाली अदरक से बनी एक पेय को टोस्ट में इस्तेमाल किया गया। राष्ट्रपति बाइडन ने पीएम मोदी से कहा कि उनके दादा एंब्रोस फिनेगन कहा करते थे कि अगर आपको टोस्ट करना है, आप अपने गिलास में शराब नहीं चाहते हैं तो आपको बाएं हाथ में गिलास पकड़ना चाहिए।
आप सभी को लग रहा होगा कि मैं मजाक कर रहा हूं लेकिन ऐसा नहीं है। इस पर वहां मौजूद सभी लोगों ने भी इस बात पर जमकर ठहाके लगाए। समाचार एजेंसी एएनआई ने वाकया का वीडियो भी जारी किया, इसमें पीएम मोदी ने बाएं हाथ से गिलास पकड़ा है।
डिनर कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को इस शानदार डिनर के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं। साथ ही मैं प्रथम महिला जिल बाइडन को भी धन्यवाद कहना चाहता हूं।
स्टेट डिनर में ये गेस्ट्स रहे मौजूद
भारत से मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, एस जयशंकर, अजीत डोभाल, विनय मोहन क्वात्रा, अशरफ मंसूर दाहोद, शमीम अशरफ दाहोद, विवेक कुमार, आनंद महिंन्द्रा, दीपक मित्तल, अरिंदम बागची स्टेट डिनर में शामिल हुए।
वहीं, भारतीय मूल के भारतीय-अमेरिकी फिल्म निर्माता एम. नाइट श्यामलन, पेप्सिको की पूर्व चेयरपर्सन और सीइओ इंद्रा नूयी, राज नूयी, सत्या नडेला, अनु नडेला, सुंदर पिचाई, अंजली पिचाई सहित कई लोग डिनर का हिस्सा बने। इसके अलावा अमेरिका से सैम ऑल्टमैन, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, पूर्व स्पीकर, नैंसी पेलोसी, एमे बेरा, टिम कुक, गैरी डिकरसन, अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी, रूफस गिफोर्ड, जेम्स मर्डोक, मार्टिन लूथर किंग III भी रात्रिभोज में नजर आए।
स्टेट डिनर क्या है और अमेरिका में ये परंपरा कितनी पुरानी है
स्टेट डिनर का आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति आवास यानी व्हाइट हाऊस में होता है। स्टेट डिनर का आयोजन अक्सर किसी देश से करीबी दिखाने के लिए किया जाता रहा है। व्हाइट हाउस हिस्ट्री एसोसिएशन के मुताबिक किसी देश के स्टेट हेड के सम्मान में आयोजित होने वाला राजकीय भोज अमेरिका का सबसे भव्य और सबसे ग्लैमरस कार्यक्रम में से एक है।
अमेरिका स्टेट विजिट पर आने वाले मेहमानों को वहां के राष्ट्रपति द्वारा ये पारंपरिक तौर पर सम्मान देने का एक तरीका है।
अमेरिका में स्टेट विजिट की परंपरा 1800 ईस्वी में में शुरू हुई है। शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों, सांसदों या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को स्टेट विजिट पर आमंत्रित करते थे। बाद में विदेशी मेहमानों को स्टेट विजिट पर बुलाने की परंपरा शुरू हुई।
स्टेट विजिट पर आने वाले मेहमानों को शुरू से स्टेट डिनर देने की परंपरा रही है। व्हाइट हाउस में होने वाले स्टेट डिनर में बुलाए जाने वाले पहले मेहमान हवाई प्रांत के राजा कलाक्वा थे। 22 दिसंबर 1874 को अमेरिकी राष्ट्रपति उलिसिस ग्रांट और उनकी पत्नी जूलिया ग्रांट ने उनके लिए स्टेट डिनर का आयोजन किया था।
मोदी ने चीन पर साधा निशाना, टकराव नहीं, हर मुद्दे का शांति से ही समाधान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच उस पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि रणनीतिक रूप से अहम इस क्षेत्र पर दबाव और टकराव के काले बादल छाये हुए हैं। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच कहा कि हिन्द-प्रशांत में दबाव और टकराव के काले बादल छाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की स्थिरता हमारी साझेदारी की प्रमुख चिंताओं में से एक है। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका ऐसे मुक्त, स्वतंत्र एवं समावेशी हिन्द-प्रशांत का साझा दृष्टिकोण रखते हैं, जो सुरक्षित समुद्रों से जुड़ा हो, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों से परिभाषित हो और जहां किसी का प्रभुत्व न हो।
उन्होंने कहा कि दोनों देश ऐसे क्षेत्र की कल्पना करते हैं, जहां सभी छोटे-बड़े देश अपने फैसले स्वतंत्र और निडर होकर कर सकें, जहां तरक्की ऋण के असंभव बोझ तले दबी नहीं हो, जहां संपर्क सुविधाओं का लाभ सामरिक उद्देश्यों के लिए नहीं उठाया जाये और जहां सभी देश मिलकर समृद्धि हासिल कर सकें।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं जिनमें चीन ने बुनियादी ढांचों में अत्यधिक निवेश किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सोच किसी को रोकने या किसी को अलग रखने पर आधारित नहीं है, बल्कि यह शांति एवं समृद्धि का सहकारी क्षेत्र बनाने को लेकर है।
हम क्षेत्रीय संस्थानों और क्षेत्र के भीतर एवं बाहर के अपने भागीदारों के साथ काम करते हैं। इनमें से क्वॉड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) इस क्षेत्र की भलाई के लिए एक बड़ी ताकत बनकर उभरा है।
प्रधामंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद को दूसरी बार किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार देर रात अमेरिकी संसद को दूसरी बार संबोधित किया। इस दौरान अमेरिकी सांसदों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में संसद को धन्यवाद दिया।
भारत और अमेरिका के रिश्तों पर बोलते हुए उन्होंने कहा- AI का मतलब है, अमेरिका और इंडिया। प्रधानमंत्री के पूरे भाषण के दौरान उन्हें अमेरिकी संसद में 14 बार स्टैंडिंग ओवेशन मिला। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका पर मार्टिन लूथर किंग और गांधी का प्रभाव है। PM मोदी ने कहा- भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे यहां 2500 पार्टियां हैं।
हमारी 22 ऑफिशियल भाषाएं हैं। हजारों बोली हैं। हर 100 मील पर खाने का तरीका बदल जाता है। भारत में विविधता जिंदगी जीने का प्राकृतिक तरीका है। भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
पीएम के गिफ्ट देख गदगद हुई फर्स्ट लेडी जिल बाइडन
राजकीय भेज में शामिल होने के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाइडेन को ‘दस दानम’ दिया। भारत में परम्परा है कि पूर्णिमा के एक हजार चांद देखने वाले को ये दान दिया जाता है। कैलेंडर कैलकुलेशन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की उम्र 80 साल 8 महीने होने पर वह एक हजार फुल मून देख चुका होता है।
बाइडेन लगभग इसी उम्र के हैं। नवंबर में वे अपना 81वां जन्मदिन मनाएंगे। अमेरिका दौरे के दूसरे दिन बुधवार को रात करीब 9 बजे (अमेरिकी समय के मुताबिक) मोदी व्हाइट हाउस पहुंचे। यहां राष्ट्रपति बाइडेन और फर्स्ट लेडी ने उनका स्वागत किया। डिनर में भारतीय एनएसए डोभाल और अमेरिका के एनएसए जेक सुलिवन मौजूद थे।
डिनर मेन्यू में बाइडेन का पसंदीदा पास्ता और आइसक्रीम शामिल थी। डिनर के दौरान प्रधानमंत्री उन्हें मैसूर के चंदन से बना एक खास बॉक्स गिफ्ट किया, जिसे जयपुर के कारीगरों ने बनाया है। इस बॉक्स के अंदर भगवान गणेश की एक मूर्ति और चांदी के एक दीये के साथ छोटी-छोटी डिब्बियों में 10 गिफ्ट्स हैं। ये सभी गिफ्ट्स भारतीय परंपरा के मुताबिक तय किए गए हैं।
इनके अलावा प्रधानमंत्री ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी को डायमंड भी गिफ्ट किया। डिनर के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने PM मोदी को 20वीं सदी की एक बुक गैले, विंटेज अमेरिकी कैमरा, अमेरिकी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी से जुड़ी एक किताब और रॉबर्ट फ्रॉस्ट की संग्रहित कविताओं के पहले संस्करण की कॉपी गिफ्ट की।